सीएम के आश्वासन पर निजी चिकित्सकों ने जताया भरोसा
निजी चिकित्सकों ने दावा किया कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के स्थान पर उत्तराखंड हेल्थकेयर एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने का मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है। जिसके बाद उन्होंने अपना विरोध स्थगित कर दिया।
जागरण संवाददाता, देहरादून : निजी चिकित्सकों ने दावा किया कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के स्थान पर उत्तराखंड हेल्थकेयर एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने का मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है। जिसके बाद उन्होंने अपना विरोध स्थगित कर दिया।
निजी चिकित्सक एसोसिएशनों के पदाधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य सचिव व मुख्यमंत्री से निजी चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता सौहार्दपूर्ण रही। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि मामले को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। विदित रहे कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की अगुवाई में राज्यभर में निजी चिकित्सक, नर्सिगहोम व क्लीनिक संचालकों ने बीते शनिवार से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का विरोध शुरू कर दिया था। पहले दिन काली पट्टी बांधकर चिकित्सकों ने काम किया। रविवार शाम से ओपीडी नहीं की गई। सोमवार को नए मरीजों की भर्ती रोक दी गई और पहले से भर्ती मरीजों की छुट्टी दे दी गई। जिससे कई जगह स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित भी हुई।
आइएमए के महासचिव डॉ. डीडी चौधरी ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सक संघ, होम्यापैथिक चिकित्सक संघ, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व इंडियन डेंटल एसोसिएशन के 13 पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य सचिव से वार्ता की। प्रतिनिधिमंडल ने क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की जगह उत्तराखंड हेल्थकेयर एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू होने के बाद निजी चिकित्सकों को मिलने वाली राहत के बारे में विस्तार से बात रखी। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि बड़े अस्पतालों के लिए क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का पालन करना आसान है, लेकिन छोटे सभी अस्पतालों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा और वह एक-एक कर बंद हो जाएंगे। 'मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद इंडियन डेंटल एसोसिएशन ने मंगलवार से प्रस्तावित हड़ताल स्थगित करना का निर्णय लिया है। निजी चिकित्सक अगली कैबिनेट की बैठक तक इसका इंतजार करेंगे।'
- डॉ.वैभव पाहवा, महासचिव, आइडीए