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उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में सामने आया एनओसी घोटाला

शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। विभागीय अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश जाने के इच्छुक शिक्षकों व कर्मचारियों को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने के लिए पैसे वसूले।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 17 Jul 2017 01:43 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jul 2017 05:18 PM (IST)
उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में सामने आया एनओसी घोटाला
उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में सामने आया एनओसी घोटाला

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। विभागीय अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश जाने के इच्छुक शिक्षकों व कर्मचारियों को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने के लिए पैसे वसूले। शिक्षामंत्री अरविंद पांडे ने शिकायतों को सही पाते हुए दोषी आरोपियों को पद से तो हटाया ही, साथ ही पदावनत भी कर दिया। उन्होंने प्रभावित कर्मचारियों को अधिकारियों से पैसा वापस लेने तक शिक्षक व कर्मचारियों को रिलीव करने वाली फाइल को अपने पास ही रोक लिया है। 

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अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि विभाग के कुछ शिक्षक व कर्मचारी उत्तर प्रदेश में जाना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से एनओसी लेनी थी। इस एनओसी को लेने के लिए उत्तराखंड के कुछ अधिकारियों ने गलत तरीके से काम किया। 

उनके पास जब इन्हें रिलीव करने की फाइल आई, तब उन्हें इस संबंध में जानकारी मिली। उन्होंने फाइल पर तो अपनी संस्तुति दे दी है लेकिन इसे अपने पास ही रोका हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी से कहा गया है कि जब तक वे अधिकारियों से पैसा वापस नहीं लेते, तब तक उनकी फाइल आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। 

उन्होंने कहा कि इस घोटाले में लिप्त अधिकारी व कर्मचारियों को चिह्नित करते हुए उन्हें संबंधित जगह से हटाते हुए पदावनत भी कर दिया गया है। 

शिक्षकों को छुट्टी के लिए नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर 

शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षकों को अब छुट्टी के लिए विभागीय कार्यालयों में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए विभाग ने उज्ज्वल सेवा मोबाइल एप्लीकेशन तैयार की है। 

अब शिक्षक इस एप्लीकेशन के जरिये ही छुट्टी के लिए आवेदन करेंगे और इसी के जरिये उन्हें मंजूरी भी मिल जाएगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि शिक्षकों को छुट्टी लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। 

विशेषकर आकस्मिक अवकाश को फाइल में चढ़ाने के लिए उन्हें विभागीय चक्कर काटने पड़ते थे। इसे देखते हुए अब यह कदम उठाया गया है। एक अगस्त को इस मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारंभ किया जाएगा। 

निजी व सरकारी स्कूलों में लगेंगी एनसीइआरटी की पुस्तकें

शिक्षा मंत्री ने बताया कि निजी व सरकारी स्कूलों में एनसीइआरटी की पुस्तकों को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इसके तहत अब अगले सत्र से इन स्कूलों में एनसीइआरटी की पुस्तकें लागू होंगी। 

उन्होंने बताया कि एनसीइआरटी इस वर्ष अक्टूबर में नया पाठ्यक्रम लेकर आ रही है, तो अगले पांच-छह वर्षों तक यही पुस्तकें चल सकेंगी। इस विषय को कैबिनेट में भी लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनसीइआरटी की पुस्तकें दिसंबर तक हर जगह पहुंच जाएंगी। 

इससे सीबीएसई बोर्ड व सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के बस्ते की कीमत भी सस्ती होगी। उन्होंने कहा कि अब आइसीएससी बोर्ड से भी पुस्तकों को लागू करने की बात चल रही है। 

दुर्गम व अतिदुर्गम विद्यालयों में बनेंगे आवासीय भवन

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के जर्जर स्कूलों के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर रही है। सरकार अब दुर्गम व अतिदुर्गम स्कूलों में तैनात शिक्षकों की दिक्कतों को देखते हुए विद्यालय में ही इनके आवासीय भवन भी बनाएगी। मकसद यह कि शिक्षकों की परेशानी कम होने के साथ ही बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल सके। 

ड्रेस कोड पर बैकफुट पर सरकार

शिक्षकों के ड्रेस कोड को लेकर अब सरकार बैकफुट पर आती नजर आ रही है। यही कारण है कि अनिवार्य रूप से ड्रेस कोड लागू करने के लिए सरकार सख्ती करने के मूड में नहीं है। दरअसल शिक्षक, इनमें भी विशेषकर महिला शिक्षक इस पर आपत्ति जता रही है। सरकार भी इस मामले में शिक्षकों से उलझने के मूड में नहीं है। शिक्षा मंत्री का कहना है कि शिक्षक यदि अभी ड्रेस कोड लागू नहीं कराना चाहते तो हम इसके लिए इंतजार कर सकते हैं। 

छुट्टी पर निर्णय लेंगे जिलाधिकारी व विभागीय अधिकारी

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है। सरकार भी अपने छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी, शिक्षा अधिकारी व पुलिस कप्तानों को कहा गया है कि वे स्थिति देखकर स्वयं ही स्कूलों की छुट्टी का निर्णय ले सकते हैं। 

बीमारियों में ब्रेन हेमरेज का कॉलम नहीं

शिक्षकों के तबादलों में बीमारियों के कॉलम में ब्रेन हेमरेज का जिक्र नहीं है। इस कारण ब्रेन हेमरेज का शिकार हुए कुछ शिक्षक विशेष तबादलों की जद में नहीं आ रहे हैं। मामला संज्ञान में आने पर शिक्षा मंत्री ने व्यवस्था में बदलाव की बात कही है।

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