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Uttarakhand Assembly Monsoon Session: न सवालों की बौछार, न जवाब पर नोकझोंक; इन 19 विधेयकों पर लगी मुहर

Uttarakhand Assembly Monsoon Session सत्र में न ही प्रश्नकाल और न कार्य स्थगन के प्रस्तावों पर चर्चा। विपक्ष से लेकर सत्तापक्ष के विधायकों के सवाल भी सिर्फ लिखित में लिए गए। उन्हें सवालों के जवाब भी लिखित में ही प्राप्त हुए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 07:00 AM (IST)
Uttarakhand Assembly Monsoon Session: न सवालों की बौछार, न जवाब पर नोकझोंक; इन 19 विधेयकों पर लगी मुहर
उत्तराखंड विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा सत्र में न ही प्रश्नकाल और न कार्य स्थगन के प्रस्तावों पर चर्चा। विपक्ष से लेकर सत्तापक्ष के विधायकों के सवाल भी सिर्फ लिखित में लिए गए। उन्हें सवालों के जवाब भी लिखित में ही प्राप्त हुए। विपक्ष ने हंगामा भी किया, लेकिन पहली दफा ऐसा भी हुआ जब सदन के भीतर न मंत्रियों पर सवालों की बौछार हुई और न ही जवाब को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक। कोरोना के साये में बुधवार को एक दिनी सत्र की यह सूरत देखने को मिली। इस दौरान सरकार सभी 19 विधेयक पारित कराने में कामयाब रही। सदन की कार्यवाही को महज तीन घंटे छह मिनट बाद ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। 

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कोरोना महामारी की वजह से बुधवार का विधानसभा सत्र की तमाम कार्यवाही सीमित तरीके से अंजाम दी गईं। सुबह 11 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ प्रणब मुखर्जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद दिवंगत पूर्व विधायकों बृजमोहन कोटवाल व नारायण सिंह भैंसोड़ा को भी सदन ने श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रश्नकाल नहीं हुआ। विधायकों को अल्पसूचित सवालों के लिखित जवाब मिले। प्रश्नकाल नहीं होने से विधायकों के तारांकित प्रश्नों के जवाब स्थगित रहे। उन्हें लिखित उत्तर थमाए गए।

संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने सदन के पटल पर महालेखाकार लेखा परीक्षा उत्तराखंड की पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों पर वार्षिक तकनीकी निरीक्षण रिपोर्ट रखी। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की 2018-19 के वित्त लेखे व विनियोग लेखे और 31 मार्च, 2019 के लिए राज्य के वित्त पर ऑडिट रिपोर्ट पेश की गई।

दोपहर एक बजे के बाद सत्र की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने 19 विधेयक सदन के पटल पर रखे। श्रम विधेयकों पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष के विधायकों मुन्ना सिंह चौहान, सुरेंद्र सिंह जीना ने कारखानों के साथ श्रमिकों के हितों को भी सुरक्षित रखने की पैरोकारी की। दोपहर भोजनावकाश के बाद इन सभी विधेयकों पर सदन की मुहर लग गई। शाम सवा चार बजे विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

मुख्यमंत्री, पांच मंत्री समेत 42 विधायक रहे मौजूद 

सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, चार कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, अरविंद पांडेय व सुबोध उनियाल, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य समेत सत्तापक्ष और विपक्ष के 42 विधायक मौजूद रहे। सुरक्षित शारीरिक दूरी समेत कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करने के लिए विधानसभा के मौजूदा मंडप का विस्तार किया गया था। विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 71 है।

मंत्री समेत 14 विधायक वर्चुअली हुए शामिल

यह भी पहली दफा हुआ कि कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य समेत 14 विधायकों ने वर्चुअल तरीके से सत्र की कार्यवाही में भाग लिया। कोरोना संक्रमित होने की वजह से विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश, उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत, विधायक हरीश धामी, पुष्कर धामी समेत कुछ विधायक सत्र में शामिल नहीं हो पाए। 

विधानसभा में इन 19 विधेयकों पर लगी मुहर

-उत्तराखंड माल एवं सेवाकर (संशोधन)

-उत्तराखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (प्रोत्साहन एवं सुविधा)

-हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय (संशोधन)

-उत्तराखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन संविदा खेती एवं सेवाएं (प्रोत्साहन एवं सुविधा)

-उत्तराखंड पंचायतीराज (द्वितीय संशोधन)

-उत्तराखंड जिला योजना समिति (संशोधन)

-महामारी रोग (संशोधन)

-उत्तराखंड माल एवं सेवाकर (द्वितीय संशोधन)

-उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन)

-उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) (संशोधन)

-उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल (अधिकारियों के वेतन तथा भत्ते)(संशोधन))

-बोनस संदाय (उत्तराखंड संशोधन)

-व्यवसाय संघ (उत्तराखंड संशोधन)

-औद्योगिक विवाद (उत्तराखंड संशोधन)

-कारखाना (उत्तराखंड संशोधन)

-उत्तराखंड (उप्र औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947)

-उत्तराखंड (जौनसार बावर जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम) (संशोधन)

-उत्तराखंड (उप्र जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम) (संशोधन)

-उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय

-उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (संशोधन)

-उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन (संशोधन)

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Assembly Monsoon Session: कोरोना पर चर्चा की मांग को लेकर सदन में विपक्ष का हंगामा, सभी विधेयक पारित; सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित


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