समस्याओं से भागने की नहीं साधने की जरूरत: स्वामी चिदानंद
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि जिस प्रकार की स्थितियां है उसे देखते हुए आगे आने वाला समय जल संकट का हो सकता है, इसलिए हम जितना जल्दी जागेंगे उतना ही बेहतर होगा।
ऋषिकेश, जेएनएन। परमार्थ निकेतन आश्रम में आयोजित कार्यशाला में शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों व शिक्षकों ने जल संरक्षण, स्वास्थ्य व स्वच्छता आदि विषयों पर विशेष प्रशिक्षण लिया। कार्यशाला में पृथ्वी पर हो रही जल संकट की विकटता, जल संकट होने से मानव के साथ- साथ समस्त जीव जंतु पर पड़ने वाला प्रभाव, भारत में जल को बचाने के लिए जल संरक्षण विद्यालय का बनाना, विद्यार्थियों को वैज्ञानिक तरीके से हाथ धोने का प्रशिक्षण देना, विद्यालयों में शौचालय को स्वच्छ रखने, जल संरक्षण, स्वच्छता व प्रदूषण जनित बीमारियों से बचाव के तरीकों को जन सामान्य तक पहुंचाना जैसे अनेक विषयों पर चर्चा की गई।
सोमवार को परमार्थ निकेतन, गंगा एक्शन परिवार व ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भी परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज से भेंट की। चर्चा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि जिस प्रकार की स्थितियां है उसे देखते हुए आगे आने वाला समय जल संकट का हो सकता है, इसलिए हम जितना जल्दी जागेंगे उतना ही बेहतर होगा।
हम अपने जल स्रोतों व पृथ्वी को बचा सकते है। उत्तराखंड के भी गदेरे सूखते जा रहे है, जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। इन समस्याओं से भागने से नहीं बल्कि इन्हें साधने की जरूरत है। स्कूली बच्चों को प्रशिक्षित करने का कार्य इस दिशा में लाभकारी सिद्ध होगा। इस मौके पर संयुक्त निदेशक एससीईआरटी कुलदीप गैरोला, संयुक्त निदेशक विद्यालय शिक्षा मुकल सती, जिला शिक्षा अधिकारी देहरादून हेमलता भट्ट, बिजेंदर सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।
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