उत्तराखंड में शिक्षकों को पुरानी पेंशन के लिए एसएलपी वापसी पर ठिठके कदम
प्रदेश में शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने के लिए एसएलपी वापस लेने को सरकार की ओर से पहल नहीं हो पाई है। इस यथास्थिति को तोड़ने के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय एक बार फिर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने के लिए एसएलपी वापस लेने को सरकार की ओर से पहल नहीं हो पाई है। शिक्षा और वित्त विभाग ने इस संबंध में अब तक पहल नहीं की है। इस यथास्थिति को तोड़ने के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय एक बार फिर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं।
प्रदेश में एक अक्टूबर, 2005 से पहले नियुक्ति पत्र मिलने के बावजूद करीब 500 शिक्षक कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाए थे। उस दौरान लागू आचार संहिता उनके कार्यभार ग्रहण करने में बाधा बन गई। इस वजह से प्रदेश सरकार ने उन्हें पुरानी पेंशन का पात्र नहीं माना और वे नई पेंशन योजना के दायरे में आ गए। इसके बाद शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आने के बाद प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी। इसके बाद से यह मामला लटका हुआ है।
बीते अगस्त माह में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने सभी शिक्षक संगठनों के साथ बैठक में शिक्षकों को पुरानी पेंशन दिलाने का वायदा किया था। शिक्षा और वित्त विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में बैठक में यह तय किया गया कि इस मामले में एसएलपी को वापस लिया जाएगा। इसके लिए शिक्षा और वित्त विभागों की संयुक्त कमेटी बनाकर कार्यवाही की जाएगी। करीब चार महीने गुजरने के बाद भी इस मामले में शिक्षा विभाग के कदम आगे बढ़ नहीं पाए हैं।
वहीं शिक्षक पुरानी पेंशन योजना में शामिल किए जाने की मांग को लेकर विभाग पर दबाव बनाए हुए हैं। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने कहा कि पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने को एसएलपी को जल्द वापस लिया जाना चाहिए। उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री से जल्द संघ का प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा। उधर, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि वह इस संबंध में जल्द संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।