मंडी परिसर में किसान भवन नहीं होने से हो रही परेशानी
कृषि उत्पादन मंडी परिषद में किसान भवन नहीं होने से काश्तकारों को को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: कृषि उत्पादन मंडी परिषद में किसान भवन नहीं होने से काश्तकारों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जबकि काश्तकारों की संगोष्ठी के लिए भी जगह नहीं होने के चलते जौनसार-बावर व पछवादून क्षेत्र के काश्तकार एक जगह पर बैठकर अपनी समस्याओं के सामधान के लिए विचार विमर्श के साथ ही कृषि में की जा रही नई तकनीकों पर आपस में चर्चा भी नहीं कर पाते हैं। इसके साथ ही परिसर में सार्वजनिक शौचालय की सुविधा भी काश्तकारों के लिए मुहैया नहीं कराई जा रही है। यह आलम तब है जबकि मंडी समिति के लाभांश का निश्चित हिस्सा प्रत्येक वर्ष विकास कार्यों में खर्च किया जाता है।
कृषि उत्पादन मंडी परिषद जौनसार-बावर सहित पछवादून, उत्तरकाशी, टिहरी व हिमाचल के सिरमौर जिले के काश्तकारों की प्रमुख मंडी है। यहां से देश के कई प्रांतों में उत्पाद निर्यात किए जाते हैं। बीस एकड़ में फैली मंडी परिषद में किसानों के लिए कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है, जबकि परिसर में पांच एकड़ जमीन स्थापना काल से ही खाली पड़ी हुई है। स्थानीय काश्तकारों द्वारा खाली पड़ी जमीन पर किसान भवन, कृषि दवाई केंद्र, सरकारी औजार केंद्र, मृदा परीक्षण केंद्र, बीज केंद्र के लिए भवन निर्माण की मांग कई बार की गई जिससे काश्तकारों को बड़े बाजार का लाभ मिलने के साथ ही अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए अलग अलग दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर न होना पड़े। बावजूद इसके जिम्मेदार काश्तकारों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यह आलम तब है जबकि मंडी समिति के लाभांश का निश्चित हिस्सा प्रत्येक वर्ष विकास कार्यों में खर्च किया जाता है। उधर, मंडी परिषद के सचिव पीआर कालाकोटी ने बताया कि मंडी परिसर में किसान भवन सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। शासन से स्वीकृति मिलते ही काश्तकारों की सुविधा के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।