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तो फिलहाल टल गया मंत्रिमंडल विस्तार, अब केंद्रीय नेतृत्व से करेंगे विचार-विमर्श

अब केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श के बाद ही मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल में नए सदस्यों को शामिल करने के संबंध में फैसला लेंगे।

By Edited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 08:39 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 03:01 PM (IST)
तो फिलहाल टल गया मंत्रिमंडल विस्तार, अब केंद्रीय नेतृत्व से करेंगे विचार-विमर्श
तो फिलहाल टल गया मंत्रिमंडल विस्तार, अब केंद्रीय नेतृत्व से करेंगे विचार-विमर्श

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सियासी गलियारों में जिस तरह की चर्चा थी, वैसा हुआ नहीं। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत के असामयिक निधन के बाद विधानसभा सत्र से पहले मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल किए जाने के जो कयास लगाए जा रहे थे, उन पर मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य मदन कौशिक को सत्र के लिए विधायी एवं संसदीय कार्य की जिम्मेदारी सौंप कर विराम लगा दिया। समझा जा रहा है कि अब केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श के बाद ही मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल में नए सदस्यों को शामिल करने के संबंध में फैसला लेंगे।

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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाले त्रिवेंद्र सिंह रावत को ठीक सवा दो साल हो गए हैं, लेकिन इस दौरान उन्होंने मंत्रिमंडल में रिक्त दो स्थानों पर नए मंत्रियों को शामिल नहीं किया। मार्च 2017 में, जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब मंत्रिमंडल में कुल 10 ही सदस्य शामिल किए गए। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक उत्तराखंड में अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। इस दौरान कई दफा मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा चली लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दो सप्ताह पहले मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत का असामयिक निधन हो गया। इससे मंत्रिमंडल में रिक्त स्थानों की संख्या तीन हो गई।

दिवंगत मंत्री प्रकाश पंत के पास वित्त, आबकारी और संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे, तो माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री अब जल्द नए मंत्रियों को अपनी टीम में शामिल करेंगे। खासकर, संसदीय कार्य मंत्री के रूप में किसी अनुभवी विधायक को विधानसभा सत्र से पहले मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना तय समझा जा रहा था। मंगलवार को दो दिवसीय सत्र का कार्यक्रम भी तय कर दिया गया लेकिन बुधवार को मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर फौरी तौर पर विराम लगा दिया। दरअसल, मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि 24 जून से आरंभ हो रहे विधानसभा सत्र के लिए मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों से प्राप्त होने वाले सभी प्रश्नों के उत्तर अनुमोदित करने और विधानसभा में उत्तर देने के लिए शहरी विकास एवं आवास मंत्री मदन कौशिक को प्राधिकृत किया गया है। इसके अलावा मदन कौशिक सभी विधायी एवं संसदीय कार्यों के लिए भी प्राधिकृत किए गए हैं।

मुख्यमंत्री के इस पत्र से साफ हो गया कि फिलहाल न तो मंत्रिमंडल विस्तार किया जा रहा है और न स्व. प्रकाश पंत के विभाग किसी मंत्री को आवंटित किए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि निकट भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार किया जाना तय है क्योंकि मुख्यमंत्री के पास काफी ज्यादा संख्या में विभाग हैं। इनमें वित्त, संसदीय कार्य और आबकारी विभाग भी जुड़ गए हैं, जो अब तक स्व. प्रकाश पंत के पास थे।

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