एनआइटी को दो साल में मिल जाएगा स्थायी कैंपस
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) सुमाड़ी श्रीनगर (गढ़वाल) को दो साल के भीतर स्थायी कैंपस मिल जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी), सुमाड़ी श्रीनगर (गढ़वाल) को दो साल के भीतर स्थायी कैंपस मिल जाएगा। एनआइटी के स्थायी व अस्थायी परिसरों के संबंध में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत की अध्यक्षता में रविवार को विधानसभा भवन में हुई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। बताया गया कि सुमाड़ी में स्थायी कैंपस निर्माण को एक हजार करोड़ की डीपीआर केंद्र को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। साथ ही राज्य सरकार ने पेयजल व विद्युत व्यवस्था के लिए 30.72 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है।
श्रीनगर क्षेत्र के विधायक एवं राज्यमंत्री डॉ.रावत ने बताया कि प्रदेश सरकार ने एनआइटी के स्थायी परिसर में पेयजल के लिए 22.54 करोड़ और विद्युतीकरण को 8.18 करोड़ की धनराशि जारी की है। परिसर में आंतरिक सड़कें भी प्रदेश सरकार बनाएगी, जिसकी डीपीआर तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल एनआइटी के अस्थाई कैंपस के लिए श्रीनगर में आइटीआइ के भवन और रेशम विभाग की भूमि अस्थाई रूप से आवंटित किए गए हैं। अस्थाई कैंपस निर्माण में 78 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
डॉ.रावत ने कहा कि एनआइटी स्थापना में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का विशेष सहयोग रहा है। अब दो साल के भीतर एनआइटी को स्थायी कैंपस मिल जाएगा। इससे पहले समीक्षा बैठक में एनआइटी के कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिंह ने बताया कि सुमाड़ी में स्थायी कैंपस निर्माण को एक हजार करोड़ की डीपीआर केंद्र को भेजी गई है। इसकी स्वीकृति मिलते ही कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने बताया कि विद्युतीकरण के लिए सुमाड़ी में सब स्टेशन स्थापित किया जाएगा। पेयजल निगम के मुख्य अभियंता बीसी पुरोहित ने जानकारी दी कि पेयजल व्यवस्था के लिए जल्द कार्य शुरू कराया जाएगा।
बैठक के दौरान डॉ.रावत ने श्रीनगर विस क्षेत्रांतर्गत पाबौ, पैठाणी व थलीसैण में समय पर विद्युत बिल प्राप्त न होने की शिकायत दूर कराने, थलीसैण में ऊर्जा निगम का उपखंड कार्यालय स्थापित करने, नियमित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने और क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जोड़ने की योजना को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।