Dehradun Coronavirus News नौ माह के बच्चे ने जीती कोरोना जंग, छह दिन में हुआ ठीक
Dehradun Coronavirus New दून अस्पताल में भर्ती नौ माह के बच्चा ने कोरोना के खिलाफ जंग जीत ली। वह मात्र छह दिन में ठीक हो गया है।
देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भर्ती नौ माह के एक बच्चे ने छह दिन में कोरोना से जंग जीत ली है। यह बच्चा अब उत्तराखंड में सबसे जल्दी ठीक होने वाला कोरोना का मरीज भी बन गया है। इससे पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन सेवा अकादमी का एक प्रशिक्षु आइएफएस सात दिन में ठीक हुआ था। बच्चे की लगातार दो जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद पाबंद की गई भगत सिंह कॉलोनी के एक नौ माह का बच्चा कोरोना संक्रमित पाया गया था। बच्चे को बीती 17 अप्रैल को दून अस्पताल के ट्रामा वार्ड में भर्ती किया गया। बच्चे की मां को भी उसके साथ रखा गया। मां की जांच रिपोर्ट पहले ही नेगेटिव आ चुकी है। बच्चे का पिता भगत सिंह कॉलोनी मस्जिद में मोअज्जिन (सेवादार) था जो कि पहले ही कोरोना की चपेट में आ चुका था। ऐसे में पिता के संपर्क में आने पर बच्चा भी संक्रमित हो गया। अस्पताल में छह दिन भर्ती रहने के बाद अब वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया है। बच्चे की मां ने नम आंखों से अस्पताल के चिकित्सकों, नर्सेज व अन्य कार्मिकों का शुक्रिया अदा किया। कहा कि अस्पताल में उसके बच्चे को नई जिंदगी मिली है।
कम था वायरल लोड, मां का दूध भी बना मददगार
बच्चे का उपचार अस्पताल के डिप्टी एमएस एवं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एनएस खत्री और वरिष्ठ छाती व श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग अग्रवाल की अगुवाई वाली टीम ने किया। चिकित्सकों का कहना है कि शरीर में वायरल लोड जितना होगा, संक्रमण उतना ही ज्यादा होगा। गंभीर रूप से बीमार मरीज के पास ज्यादा देर तक रहने वालों में वायरल लोड ज्यादा होगा, जबकि महज संपर्क में आने या संक्रमित हो जाने पर सामान्य लक्षण ही उभरते हैं।
बच्चे में वायरल लोड कम था और शुरुआत से ही उसमें किसी तरह के लक्षण नहीं थे। इसी वजह से वह इतनी जल्दी ठीक हुआ। इसके अलावा वह मां का दूध भी पीता है। इससे भी उसे संक्रमण से लड़ने की ताकत मिली। क्योंकि मां का दूध संक्रमण से लड़ने की ताकत देता है। मां बच्चे को लगातार दूध पिलाती रही। मां के दूध में एंटीबॉडी होती हैं जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती हैं। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है उन्हें कोरोना संक्रमण से आसानी से बचाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद उत्तराखंड में भी रैपिड टेस्ट पर रोक