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अब संवरेगी रिस्पना, एनआइएच और आइआइटी करेगी मदद

राजधानी देहरादून की रिस्पना नदी को संवारने के लिए एनआइएच, आइआइटी रुड़की और सेना की ईको टॉस्क फोर्स भी मदद करेगी।

By raksha.panthariEdited By: Published: Sun, 05 Nov 2017 02:42 PM (IST)Updated: Sun, 05 Nov 2017 09:04 PM (IST)
अब संवरेगी रिस्पना, एनआइएच और आइआइटी करेगी मदद
अब संवरेगी रिस्पना, एनआइएच और आइआइटी करेगी मदद

देहरादून, [जेएनएन]: एनआइएच, आइआइटी रुड़की और सेना की ईको टॉस्क फोर्स रिस्पना नदी के पुनर्जीवन में सहयोग करेगी। इसमें राज्य के आधा दर्जन विभागों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। पर्यावरण और नदी का मूल स्वरूप लौटाने वाले पर्यावरणविद् भी इस मौके पर आमंत्रित किए गए। 

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रिस्पना नदी को मूल स्वरूप में लौटाने की कार्ययोजना का शुभारंभ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत छह नवंबर को उद्गम स्थल शिखर फॉल के पास करेंगे। इस दौरान पूजा-अर्चना के साथ 108 दीपों को प्रज्वलित कर नदी को साफ-सुथरा रखने का संकल्प और शपथ ली जाएगी। इसे लेकर डीएम एसए मुरूगेशन ने शनिवार को अधिकारियों के साथ रिस्पना के उद्गम स्थल का निरीक्षण कर यहां व्यवस्थाएं जुटाने के निर्देश दिए। 

डीएम ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और आइआइटी रुडकी के विशेषज्ञ इस महत्वकांक्षी योजना में सहयोग देंगे। जबकि जल पुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह और पर्यावरणविद् सचिदानन्द भारती समेत देश और राज्य के नामी लोग भी शामिल होंगे। डीएम ने बताया कि नदी में पौधरोपण और पर्यावरण से जुड़ी गतिविधियों में इको टॉस्क फोर्स, वन विभाग, सिंचाई आदि को जिम्मेदारी दी गई है। पहले दिन से ही नदी में कूड़ा-कचरा, मलबा एवं अन्य सुरक्षा संबंधी कार्य किए जाएंगे। 

पानी रोकने को बनेंगे तालाब 

रिस्पना के उद्गम से आबादी क्षेत्रों तक जगह-जगह पानी को रोका जाएगा। ताकि नदी में जल प्रवाह बना रहे। इसके अलावा नदी तटों पर साफ-सफाई की जिम्मेदारी तय होगी। सीवर एवं अन्य गंदगी को नदी में डालने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। 

कार्यक्रम की इनको दी जिम्मेदारी 

डीएम ने आयोजन स्थल और आने-जाने वाले रास्ते पर सफाई की जिम्मेदारी नगर आयुक्त को दी गई। जल संस्थान के अधिकारियों को पूजा स्थल पर जाते समय पुल से जाने वाले मार्ग पर सुरक्षा कार्य कराने को कहा गया। मकड़ेत गांव शिखर फॉल के पास पार्किंग व्यवस्था वन विभाग, पुलिस प्रशासन को समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए गए। टैंट, बैठने की व्यवस्था सिंचाई विभाग के जिम्मे दी गई। पूजा स्थल एवं कार्यक्रम स्थल से पहले जैविक एवं अजैविक कूड़ादान लगाने के भी निर्देश दिए गए। व्यवस्थाओं को समय पर जुटाने की जिम्मेदारी एडीएम प्रशासन को दी गई है। 

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