मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: अमरमणि-मधुमणि की दया याचिका का विरोध
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे अमरमणि और उसकी पत्नी मधुमणि की दया याचिका का निधि शुक्ला ने विरोध किया है।
देहरादून, [जेएनएन]: साल 2003 में उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाले बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे अमरमणि और उसकी पत्नी मधुमणि की दया याचिका का निधि शुक्ला ने कड़ा विरोध किया है। निधि कवियत्री मधुमिता शुक्ला की बहन हैं।
देहरादून में पत्रकारों से बातचीत कर निधि ने कहा कि दया याचिका के विरोध में उत्तराखंड के राज्यपाल केके पाल के कार्यालय को पत्र सौंपा गया है। पत्र में निधि ने हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे अमरमणि और मधुमणि की बीमारी पर भी सवाल खड़े किए हैं। दरअसल, पिछले चार साल से दोनों बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में भर्ती हैं। निधि ने कहा कि वह इस बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात करेंगी।
उन्होंने कहा कि अमरमणि और मधुमणि को सजा दिलाने के लिए उन्हें 12 साल संघर्ष करना पड़ा। न्याय की इस लड़ाई में धन-संपत्ति से लेकर उनका करियर तक तबाह हो गया। आज भी मेरा परिवार डर के साये में जी रहा है। अब अमरमणि और मधुमणि की ओर से सजा माफ करने की दया याचिका दी गई है, जिसमें बढ़ती उम्र से लेकर बीमारी तक के तमाम झूठे तथ्य पेश किए गए हैं। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि दया याचिका रद्द की जाए।
निधि ने सवाल उठाया कि अमरमणि और मधुमणि को ऐसी कौन सी बीमारी है, जिसका चार साल से इलाज चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बारे में उत्तराखंड में आइजी जेल से भी मिलीं, लेकिन वे भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। कहा कि अमरमणि अपने राजनैतिक रसूख इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने परिवार समेत आमरण अनशन की चेतावनी भी दी।
अमनमणि की सास ने भी घेरा
निधि शुक्ला के साथ ही उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले नौतनवां सीट से विधायक अमनमणि त्रिपाठी की सास सीमा सिंह भी मौजूद थीं। बता दें कि सीमा की बेटी सारा सिंह की 9 जुलाई 2015 को सिरसागंज में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। सारा सिंह अमनमणि की पत्नी थीं। सारा सिंह की मौत के मामले की सीबीआइ जांच कर रही है। सीमा सिंह ने अमनमणि पर हत्या का आरोप लगाया था। अमनमणि इस मामले में जनवरी 2016 से जमानत पर बाहर हैं। सीमा सिंह ने भी अमरमणि-मधुमणि के साथ अमनमणि को लेकर कई आरोप लगाए।
क्या था मधुमिता शुक्ला हत्याकांड
मूलरूप से लखीमपुर खीरी की रहने वाली नवोदित कवियत्री मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 को लखनऊ स्थित पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप तत्कालीन बसपा सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि पर लगा। मधुमिता हत्या के समय गर्भवती थी। डीएनए टेस्ट में पता चला कि उसके गर्भ में पल रहा बच्चा अमरमणि का था। मधुमिता के परिजनों के अनुरोध पर केस की सुनवाई देहरादून में विशेष जज सीबीआइ की अदालत में हुई, जहां दोनों को 24 अक्टूबर 2007 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
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