उत्तराखंड में एनएचएम संविदा कर्मियों ने काली फीती बांधकर किया काम, बोले- जल्द हो वेतन का भुगतान
चार माह से वेतन नहीं मिलने समेत नौ सूत्री मांगों का समाधान नहीं होने से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों में आक्रोश है। इसके बाद 12 सितंबर को एनएचएम के मिशन निदेशक का घेराव करने की चेतावनी भी उन्होंने दी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: चार माह से वेतन नहीं मिलने समेत नौ सूत्री मांगों का समाधान नहीं होने से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों में आक्रोश है। दून समेत सभी जनपदों में संविदा कर्मियों ने गुरुवार को भी काली फीती बांधकर काम किया। समस्त एनएचएम संविदा एवं आउटसोर्स कर्मी 11 सितंबर तक अपने-अपने कार्य स्थल पर काला फीता बांधकर कार्य करेंगे। इसके बाद 12 सितंबर को एनएचएम के मिशन निदेशक का घेराव करने की चेतावनी भी उन्होंने दी है।
लंबित मांगों का समाधान नहीं कर रहा एनएचएम प्रबंधन
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी, महासचिव हर सिंह रावत, डा. अमरिंदर, विनोद पैन्यूली, मनीष तोमर आदि संविदा कर्मियों का कहना है कि कई मर्तबा पत्राचार करने के बाद भी एनएचएम प्रबंधन उनकी लंबित मांगों का समाधान नहीं कर रहा है। पिछले चार-पांच माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। जिस कारण एनएचएम के संविदा व आउटसोर्स कर्मियों के सामने आर्थिक संकट बना हुआ है। एनएचएम में आउटसोर्स की व्यवस्था खत्म कर जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग भी उन्होंने की है।
लंबित वेतन का भुगतान जल्द कर अनुबंध का नवीनीकरण हो
कहा कि लंबित वेतन का भुगतान जल्द कर अनुबंध का नवीनीकरण किया जाए। एचआर पालिसी बनाने व हरियाणा की तर्ज पर एनएचएम के संविदा कर्मियों को बढ़ा हुआ ग्रेड वेतनमान देने, टर्म व लाइफ इंश्योरेंस के लिए स्वीकृत बजट के अनुसार बीमा कराने, उपनल कर्मियों की भांति पांच फीसद वार्षिक वृद्धि का लाभ देने, महिला कार्मिकों को मातृत्व अवकाश का समुचित लाभ देने व जिन कार्मिकों की ईपीएफ कटौती होती है उनके खातों में तत्काल ईपीएफ जमा करने और 15 हजार से अधिक के मासिक वेतन पर कार्मिकों के लिए ईपीएफ का प्रविधान करने की मांग भी उन्होंने की है।
सांकेतिक प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने की गेट मीटिंग
कर्मचारी समन्वय समिति की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन के क्रम में चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ (चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं संघ) से जुड़े कर्मचारियों ने गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सामने सांकेतिक प्रदर्शन कर गेट मीटिंग की।
कर्मचारियों के साथ किया जा रहा भेदभाव
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा, जिलाध्यक्ष गुरुप्रसाद गोदियाल व जिला मंत्री त्रिभुवन पाल ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना कर्तव्यों का पालन किया। अन्य फ्रंटलाइन वर्कर की भांति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने भी बिना अवकाश लिए कार्य किया। बावजूद इसके शासन व स्वास्थ्य महानिदेशालय की ओर से कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। कई बार पत्राचार करने के बाद भी लंबित मांगों का समाधान नहीं किया जा रहा है।
पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति, स्टाफिंग पैटर्न का लाभ देते हुए 4200 रुपये का ग्रेड वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। वेतन विसंगति का समाधान व पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग भी उन्होंने की। कहा कि आगामी 20 सितंबर को एक दिवसीय धरना दिया जाएगा और 27 सितंबर को प्रत्येक जनपद में चेतना रैली निकालकर सात अक्टूबर को परेड ग्राउंड से सचिवालय कूच किया जाएगा। मांगों का समाधान नहीं होने पर बेमियादी हड़ताल का एलान भी किया जाएगा। गेट मीटिंग में सतीश, नवीन शर्मा, विनोद बिष्ट, कुणाल गुरुंग, किरण चौहान, कमल, रामसेवक, दिनेश सोलंकी, सुभाष कुमार, सतीश कन्नौजिया, राकेश कुमार आदि शामिल रहे।