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वरिष्ठ अफसरों की राय के बाद ही हुआ निलंबन

एनएच 74 (हरिद्वार-ऊधमसिंह नगर-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग) चौड़ीकरण मुआवजा घोटाला मामले में दो आइएएस अधिकारियों डॉ. पंकज पांडेय व चंद्रेश यादव का निलंबन करने का फैसला लेने से पहले सरकार ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को भरोसे में लिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 09:30 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 09:30 PM (IST)
वरिष्ठ अफसरों की राय के बाद ही हुआ निलंबन
वरिष्ठ अफसरों की राय के बाद ही हुआ निलंबन

राज्य ब्यूरो, देहरादून: एनएच 74 (हरिद्वार-ऊधमसिंह नगर-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग) चौड़ीकरण मुआवजा घोटाला मामले में दो आइएएस अधिकारियों डॉ. पंकज पांडेय व चंद्रेश यादव का निलंबन करने का फैसला लेने से पहले सरकार ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को भरोसे में लिया। इन सबको बिठाकर इनकी राय ली गई। उन्हें ही गुणदोष के आधार पर फैसला लेने को कहा गया। इसके बाद ही दोनों अधिकारियों का निलंबन किया गया है।

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एनएच 74 मामले में दो आइएएस अधिकारियों के निलंबन को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। यह तक कहा गया कि सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को विश्वास में लिए बिना एकतरफा फैसला सुना दिया। इन चर्चाओं को बल इसलिए भी मिला क्योंकि आइएएस एसोसिएशन ने इस मामले में बाकायदा मुख्य सचिव से मुलाकात की थी और मुख्यमंत्री तक भी अपनी बात पहुंचाई थी। सूत्रो की मानें तो एसआइटी की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार इसका परीक्षण करा चुकी थी। इसमें दोनों अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन्वेस्टर्स समिट के कार्यक्रमों के कारण लगातार प्रदेश से बाहर रहे। इस कारण कुछ समय तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री के लौटने पर इस पत्रावली पर फिर से चर्चा शुरू हुई। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री ने इस पर कोई फैसला लेने से पहले मुख्य सचिव व तीन अपर मुख्य सचिवों के साथ बैठक की और उन्हीं से गुणदोष के आधार पर फैसला लेने को कहा। सूत्रों की मानें तो इन सभी ने आरोपित आइएएस अधिकारियों के निलंबन की संस्तुति की। इसके बाद ही इन अधिकारियों को निलंबित किया गया। जल्द जारी होगी चार्जशीट

शासन में अभी दोनों आइएएस अधिकारियों को चार्जशीट देने से पहले पूरे विषय का परीक्षण किया जा रहा है ताकि चार्जशीट पुख्ता तरीके से तैयार की जा सके। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि दोनों अधिकारियों पर विधिक प्रक्रिया के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। अब इन्हें औपचारिक आरोप पत्र दिया जाएगा। उन्हें यह मौका दिया जाएगा कि वे अपने बचाव में जो कहना चाहते हैं, अपनी बात रखें। इसके बाद तथ्यों के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा। आइएएस के बीच झड़प

सोमवार को दो आइएएस अधिकारियों के बीच झड़प का मसला भी चर्चाओं में रहा। दरअसल, एनएच 74 मामले में चौड़ीकरण मुआवजा के अलावा बिजली के कामों से संबंधित कार्यो की जांच भी चल रही है। इसमें एक पूर्व आइएएस की संलिप्तता की बात कही जा रही है। चर्चा है कि इस मामले को लेकर दो आइएएस अधिकारियों के बीच हुई बातचीत अचानक झड़प में बदल गई। इसे लेकर सचिवालय में तरह-तरह की चर्चाएं रहीं लेकिन इनकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।


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