एसआइटी की फाइनल रिपोर्ट पर टिका सरकार का एक्शन
ऊधमसिंह नगर में राष्ट्रीय राजमार्ग 74 चौड़ीकरण मुआवजा घोटाले के मामले में अब सबकी नजरें एसआइटी की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हुई है। यह रिपोर्ट इसलिए अहम हैं क्योंकि एसआइटी इस मामले में दोनों आइएएस अधिकारियों पूछताछ कर चुकी है। इसके बाद एसआइटी अपनी जांच को अंतिम रूप दे रही है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: ऊधमसिंह नगर में राष्ट्रीय राजमार्ग 74 चौड़ीकरण मुआवजा घोटाले के मामले में अब सबकी नजरें एसआइटी की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हुई है। यह रिपोर्ट इसलिए अहम हैं क्योंकि एसआइटी इस मामले में दोनों आइएएस अधिकारियों पूछताछ कर चुकी है। इसके बाद एसआइटी अपनी जांच को अंतिम रूप दे रही है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट को देखने के बाद ही सरकार इस मामले में आगे एक्शन लेगी।
एनएच 74 घोटाले में एसआइटी की जांच अब अंतिम रूप ले रही है। 300 करोड़ रुपये के अनुमानित घोटाले में अभी तक सात पीसीएस अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है, जबकि एक अन्य सेवानिवृत पीसीएस को भी चार्जशीट दी गई है। इनमें से कुछ अभी सलाखों के पीछे हैं। शेष आरोपितों पर भी एसआइटी लगातार अपना शिकंजा कस रही है। वैसे तो एसआइटी शासन को पहले ही अपनी जांच रिपोर्ट सौंप चुकी थी लेकिन दो आइएएस अधिकारियों का नाम सामने आने के बाद सरकार के निर्देश पर शासन ने एसआइटी को रिपोर्ट फिर से वापस सौंप दी थी। इसके साथ ही एसआइटी को दोनों अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति भी दी थी। इस मामले में शासन ने भी दोनों अधिकारियों को नोटिस दिया था। दरअसल, एसआइटी ने आइएएस पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव के आर्बिट्रेटर के रूप में लिए गए निर्णय पर सवाल उठाए थे। इस मामले में दोनों अधिकारी शासन के नोटिस पर अपर मुख्य सचिव को अपना जवाब सौंप चुके हैं। इसके अलावा एक सप्ताह पहले एसआइटी भी इन दोनों अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है। अब एसआइटी को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी भर शेष रह गई है। वहीं, एनएच 74 घपले की जांच व एमडीडीए के स्पेशल ऑडिट लेकर आइएएस लॉबी का मिजाज उखड़ा हुआ है। इस मामले में अब आइएएस लॉबी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से भी मिलने का समय मांगा है। इन सब परिस्थितियों में अब एसआइटी की अंतिम रिपोर्ट बेहद अहम हो गई है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक यह रिपोर्ट शासन को सौंपी जा सकती है। इसके बाद ही सरकार इस मामले में कोई कदम उठाएगी।