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Coronavirus: अखबार की प्रिंटिंग है पूरी तरह ऑटोमेटेड, कोरोना वायरस का खतरा नहीं

कोरोना काल में भी अखबार पूरी तरह सुरक्षित है इसलिए आप निश्चिंत होकर अखबार पढ़ सकते हैं। नियमित रूप से जो वैज्ञानिक और चिकित्सक अखबार पढ़ते हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 05:58 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 05:58 PM (IST)
Coronavirus: अखबार की प्रिंटिंग है पूरी तरह ऑटोमेटेड, कोरोना वायरस का खतरा नहीं
Coronavirus: अखबार की प्रिंटिंग है पूरी तरह ऑटोमेटेड, कोरोना वायरस का खतरा नहीं

देहरादून, जेएनएन। कोरोना काल में भी अखबार पूरी तरह सुरक्षित है, इसलिए आप निश्चिंत होकर अखबार पढ़ सकते हैं। नियमित रूप से जो वैज्ञानिक और चिकित्सक अखबार पढ़ते हैं, वे खुद तो पूरी तरह आश्वस्त हैं और दूसरों को भी भरोसा दे रहे हैं कि अखबार से किसी भी संक्रमण का खतरा नहीं है। वैज्ञानिकों और चिकित्सकों का कहना है कि अखबार हमें कोरोना के बारे में लगातार नई सूचनाएं दे रहे हैं। बचाव की जानकारियां हम तक पहुंच रही हैं। इसलिए कोरोना से जंग में अखबार की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन भी आश्वस्त कर चुका है कि अखबार पूरी तरह सुरक्षित हैं। इसी कड़ी में हमने बात की वैज्ञानिकों और चिकित्सकों से।

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आइआइटी रुड़की के पूर्व विभागाध्यक्ष जल संसाधन विकास और प्रबंधन विभाग प्रो. एसके मिश्रा का कहना है कि अखबार से कोरोना के संक्रमण के खतरे को लेकर कई तरह की अफवाह हैं, लेकिन अभी तक ये सभी गलत साबित हुई हैं। कोरोना काल में भी मैं सामान्य दिनों की तरह प्रतिदिन अखबार पढ़ता हूं। समाचार पत्र में प्रकाशित खबरें विश्वसनीय होती हैं। जबकि सोशल साइट्स पर आने वाली खबरों की सत्यता को लेकर अक्सर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। जबकि अखबार की विश्वसनीयता आज भी कायम है।

वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. पीएस नेगी का कहना है कि मैं जागरण का नियमित पाठक हूं। कोरोनाकाल में अखबार की अहमियत इसलिए भी बढ़ गई है, क्योंकि इसके माध्यम से तथ्यपरक जानकारी मिल पाती है। रही बात कोरोना संक्रमण के खतरे की तो अखबार की प्रिंटिंग से लेकर वितरण की प्रणाली में सेनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। अभी तक इससे कोरोना फैलने के कोई प्रमाण भी नहीं मिले हैं। इसलिए बेफिक्र होकर अखबार पढ़ें और देश-दुनिया से रूबरू रहें।

मुख्य चिकित्साधिकारी बीसी रमोला कहते हैं कि लॉकडाउन के दौरान अखबार देश-दुनिया के ताजा घटनाक्रम व विश्वसनीय खबरों का माध्यम रहा है। अखबार से कोरोना फैलने की बात मिथ्या है। आज इसकी प्रिंटिंग ऑटोमेटेड है। इसके अलावा सप्लाई चेन में भी सैनिटाइजेशन होने से वायरस का खतरा दूर हो जाता है। इस वक्त पर सोशल मीडिया पर जिस तरह की भ्रामक बातें चलती हैं, उनसे बचने के लिए नियमित रूप से अखबार पढ़ते रहें।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव डॉ. डीडी चौधरी का कहना है, अखबार पढ़ने से कोरोना नहीं फैलता, बल्कि ज्ञान बढ़ता है। अभी तक तमाम शोध में अखबार को सुरक्षित पाया गया है। इसलिए भ्रम न पालें। खुद जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें। यह बात सबको समझ लेनी चाहिए कि अखबार सैनिटाइज होने के बाद ही पाठक के पास पहुंचते हैं। संक्रमण के बीच अखबार आपको विश्वसनीय जानकारियां पहुंचा रहा है। सोशल मीडिया में अफवाह के बीच अखबार ही भरोसेमंद हैं।

जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है अखबार

सुबह उठते ही अखबार पढ़ने को मिले तो दिन की शुरुआत ढंग से होती है और अखबार नहीं मिले तो इसकी कमी काफी खलती है। अभी जब अखबार घर तक पहुंचाना कठिन काम है, ऐसे में संवाददाताओं द्वारा खबरों का संकलन और वितरकों द्वारा अखबार का समय रहते वितरण करने का काम काबिले तारीफ है। अखबार जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। यह कहना है सूबे की प्रमुख हस्तियों का। उनका कहना है कि जो लोग अखबार लेने से संक्रमण की अफवाह फैला रहे हैं, वे शायद अखबार नहीं पढ़ते होंगे। अखबार से कोरोना वायरस होने की कोई संभावना नहीं हैं। अखबार कोरोना के संबंध में जनजागृति का काम कर रहा है।

 

नियमित पढ़ता हूं दैनिक जागरण

डीआइजी/एसएसपी अरुण मोहन जोशी कहते हैं, आमजन को जागरूक करने के लिए अखबार अहम जरिया है। वैसे तो लंबे समय से दैनिक जागरण पढ़ता आ रहा हूं, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान कोई दिन ऐसा नहीं रहा, जब अखबार न पढ़ा हो। दैनिक जागरण में स्थानीय, प्रदेश और देश दुनिया की पर्याप्त खबरें रहती हैं। दैनिक जागरण के माध्यम से कोरोना को लेकर देश विदेश की नवीनतम जानकारियां मिलती हैं। अखबार से संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। इसलिए लोगों को अफवाहों की तरफ ध्यान नहीं देना चाहिए। स्टीक जानकारी के लिए अखबार पढ़ना जरूरी है।

संक्रमण के दौर में जरूरी है अखबार पढ़ना

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में अखबार और भी जरूरी हो गया है। सोशल मीडिया की किस खबर पर भरोसा करें किस पर नहीं, इसकी वास्तविक पड़ताल अखबार से ही हो पाती है। मेरी सुबह की शुरुआत ही अखबार से होती है। दैनिक जागरण तो मुझे अपने सामने चाहिए ही। संक्रमण के दौर में भी अखबार पूरी तरह महफूज हैं। यही कारण है कि इनका उपयोग आजकल की दिनचर्या का और भी अहम हिस्सा बन गया है। समाचार पत्रों से संक्रमण फैलने को लेकर किसी तरह के प्रमाण भी नहीं मिले हैं।

समस्त जानकारी समेटे हुए है अखबार

यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन में जनमानस का अखबार सबसे बड़ा साथी बनकर सामने आया। इसी के जरिये समस्त जानकारी हासिल हुई। बाजार, बैंक, दफ्तर, रेलगाड़ी कब और कहां खुलेंगे जैसी बातों की जानकारी मिली। अखबार से संक्रमण का खतरा नहीं हो सकता, यह तो हमें कोरोना से जंग करने की हिम्मत देता रहा। खासकर उस समय जब आपस में मिलना-जुलना कम हो गया। ऐसे वक्त में अखबार ही वह माध्यम है, जिससे यह पता चल सका कि कहां क्या चल रहा है। मेरे दिन की शुरुआत दैनिक जागरण के साथ ही होती हैं।

लॉकडाउन में सच्चा साथी बना अखबार

श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ. पीपी ध्यानी ने कहा, मैं नियमित दैनिक जागरण पढ़ता हूं। लॉकडाउन के दौरान हर रोज अखबार पढ़ा। यह वह माध्यम था, जो शहर के अलावा देश-दुनिया से रूबरू कराता रहा। अखबार पूरी तरह सुरक्षित है। इस कठिन समय में भी मीडिया कर्मी पूरी शिद्दत से चौथे स्तंभ की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मीडियाकर्मी भी सच्चे कोरोना योद्धा हैं, जो आमजन व सरकार के बीच सेतु बनकर काम कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने व लोगों को जागरूक करने में अखबारों की भूमिका अहम है। छात्रों को नियमित अखबार पढऩा चाहिए। इससे वह हमेशा अपडेट रहेंगे।

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अखबार से नहीं फैलता कोई संक्रमण

पूर्व मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल अनुकृति गुसाईं का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में लोगों को जागरूक करने के लिए समाचार पत्रों की अहम भूमिका है। समाचार पत्र से किसी भी प्रकार का कोई संक्रमण नहीं होता है। यह बिल्कुल सुरक्षित है। दैनिक जागरण पढ़कर अपने आसपास के अलावा देश-दुनिया के बारे में जानकारी मिलती है। सोशल मीडिया में गलत खबरों की बाढ़ के बीच में समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरें विश्वसनीय होती हैं। समाचार पत्र की छपाई के अलावा उसके वितरण तक में सेनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखा जाता है। इसलिए बेफिक्र होकर अखबार पढ़ते रहें।

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