न्यूज बुलेटिनः सुबह नौ बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरेंं
सुबह नौ बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरें। सूबे में वन पंचायत नियमावली की जटिलताओं को दूर करने के लिए सरकार इसमें संशोधन करेगी। वहीं, आज बदरीनाथ के कपाट बंद होंगे।
वन पंचायत नियमावली में संशोधन करेगी सरकार
राज्य ब्यूरो, देहरादून। वन पंचायतों की व्यवस्था वाले देश के एकमात्र राज्य उत्तराखंड में वन पंचायत नियमावली की जटिलताओं को दूर करने के लिए सरकार इसमें संशोधन करेगी। इसके तहत वन पंचायतों के गठन के लिए उपजिलाधिकारी की बजाए किसी सक्षम अधिकारी को चुनाव अधिकारी बनाया जाएगा।
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
2.17 साल बाद पहली बार सांध्य बेला में बंद हो रहे है बदरीनाथ धाम के कपाट
जेएनएन, चमोली। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार सांध्य बेला में सात बजकर 28 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कंपाटबंदी की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 17 साल बाद पहली बार ऐसा संयोग बना है, जब मंदिर के कपाट सांध्य बेला में बंद होंगे।
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
3. महज दो छात्रों के लिए चल रहा है राजकीय पॉलीटेक्निक
जेएनएन, बागेश्वर। सरकार लगातार तकनीकी शिक्षा पर जोर दे रही है। इसके लिए कई शैक्षिक संस्थान जिले में खोले गए हैं। जिसमें आइटीआइ व पालीटेक्निक संस्थान शामिल हैं लेकिन हर तरफ बदहाली का आलम है। राजकीय पॉलीटेक्निक का हाल सबसे बुरा है। यहां बीते दो वर्षों से महज दो छात्र अध्ययनरत हैं।
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
4. सांप्रदायिक सौहार्द: हरिद्वार में मुस्लिमों ने दफनाया गाय का शव
जेएनएन, हरिद्वार। गो रक्षा के नाम पर देश भर में भले हो हल्ला मचा हुआ हो, लेकिन हरिद्वार ज्वालापुर में एक गाय का शव कई घंटे तक पड़ा रहा। गो रक्षा के नाम पर बने विभिन्न संगठनों से संपर्क किया, लेकिन किसी ने वहां पहुंचने की जहमत नहीं उठाई। अंत में स्थानीय मुस्लिम युवकों और विहिप नेता चरणजीत पाहवा ने गाय के शव को सम्मानपूर्वक दफनाया।
पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
5. 176 साल का हुआ नैनीताल, काटा गया केक
जेएनएन, नैनीताल। देश-दुनियां के पर्यटकों की पसंद नैनीताल शनिवार को 176 वर्ष का हो गया। 1841 को अंग्रेज व्यापारी पीटर बैरन ने इस खुबसूरत जगह को देखा। विशेषज्ञों का एक तबका नैनीताल की खोज का श्रेय अंग्रेजों के बजाय नर सिंह को देता है। नैनीताल की वर्षगांठ पर केक काट कर खुशियां मनाई गईं।