क्वारंटाइन होने पर कामगार को मिलेगा 28 दिन का वेतन, पढ़िए
कोई कार्मिक कोरोना प्रभावित होता है तो उसे नियोक्ता न केवल 28 दिन का अवकाश स्वीकृत करेगा बल्कि इस अवधि का वेतन भी देगा।
देहरादून, जेएनएन। किसी भी दुकान वाणिज्यिक संस्थान, फैक्ट्री, उद्योग में कार्यरत कोई कार्मिक कोरोना प्रभावित होता है तो उसे नियोक्ता न केवल 28 दिन का अवकाश स्वीकृत करेगा, बल्कि इस अवधि का वेतन भी देगा।
कोरोना के मद्देनजर श्रम कानूनों में श्रमिकों के हितों की रक्षा के मद्देनजर इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। यह सुविधा तभी मिलेगी, जब क्वारंटाइन में रहा कर्मचारी या कामगार स्वस्थ होने पर चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेगा। इसके अलावा ऐसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठान या औद्योगिक इकाइयां, जिन्हें सरकार अथवा डीएम के आदेशों से अस्थायी रूप से बंद किया गया है, उनके कामकारों को बंद अवधि की मजदूरी व अवकाश नियोक्ता द्वारा दिया जाएगा।
इसके साथ ही जिन उद्योगों में 10 से अधिक कामगार नियमित रूप से सेवाएं दे रहे हैं, उनमें प्रबंधन को उद्योग के मुख्यगेट पर कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी सुरक्षा उपायों को क्रमवार लिखना अनिवार्य किया गया है।
250 कागमारों पर ही होगा ट्रेड यूनियन का गठन
कैबिनेट ने ट्रेड यूनियन अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। अभी तक किसी भी उद्योग में ट्रेड यूनियन के गठन का जो प्रविधान था, उसके मुताबिक किसी उद्योग में कार्यरत 10 फीसद कामगार या 100 से कम कामगारों पर ट्रेड यूनियन पंजीकरण नहीं हो पाती है। यानी ट्रेड यूनियन यदि पंजीकृत करनी है तो 100 से अधिक कामगारों की संख्या उस उद्योग में होनी चाहिए।
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इस नियम में संशोधन प्रस्ताव रखते हुए सरकार ने कहा है कि अब किसी उद्योग में 30 फीसद कामगार और कम से कम 250 से अधिक कामगार होने पर ही उस उद्योग में ट्रेड यूनियन गठित हो पाएगी। यह इसलिए किया गया क्योंकि छोटे-छोटे उद्योगों में भी ट्रेड यूनियनों के कारण उद्योग प्रबंधन व कामगारों में विवाद कम होने की बजाए बढ़ता है। इसलिए सरकार ने इसमें संशोधन का प्रस्ताव रखा है।
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