भारतीय सैन्य अकादमी में इस बार पड़ी इस नई परम्परा की नींव
यह पहली बार था जब भारतीय सैन्य अकादमी के असिस्टेंट एडजुटेंट मेजर अंगद सिंह व ड्रिल इंस्ट्रक्टर सूबेदार मेजर सुल्तान सिंह शेखावत भी परेड कमांडर के साथ ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे।
देहरादून, जेएनएन। आइएमए की पासिंग आउट परेड में इस बार कई नए अध्याय जुड़े हैं। या यूं कहें कि एक नई परंपरा की नींव रखी गई है। परेड की शुरुआत कुछ बदलाव के बीच हुई। यह पहली बार था जब अकादमी के असिस्टेंट एडजुटेंट मेजर अंगद सिंह व ड्रिल इंस्ट्रक्टर सूबेदार मेजर सुल्तान सिंह शेखावत भी परेड कमांडर के साथ ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे।
इसके अलावा आइएमए के पूर्व अधिकारियों का परेड स्थल पर सम्मान स्वरूप स्वागत किया गया। इनमें अकादमी के पूर्व कमान्डेंट ले जनरल (सेनि) केके खन्ना, ले जनरल (सेनि) गंभीर सिंह नेगी और पूर्व एडजुटेंट मेजर जनरल राजेंद्र सिंह व कर्नल राकेश नायर शामिल थे। पासिंग आउट परेड ही नहीं, बदलाव की झलक इस बार कई स्तर पर दिखी है। इससे पहले अवार्ड सेरेमनी में भी नई परम्परा शुरू की गई। जेंटलमैन कैडेटों के अलावा इंस्ट्रक्टर भी सम्मानित किए गए।
यह भी पढ़ें: देश को मिले 347 युवा सैन्य अफसर, मित्र देशों के 80 कैडेट भी हुए पास आउट
यह भी पढ़ें: उप सेना प्रमुख बोले, दुश्मन ने नापाक हरकत की तो फिर होगी सर्जिकल स्ट्राइक