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नई शिक्षा नीति: नवाचार, नेटवर्क व नेतृत्व विकास पर रहेगा फोकस, उत्‍तराखंड में इस प्रकार तैयार किया गया रोडमैप

New Education Policy 2020 उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत नवाचार नेटवर्क और नेतृत्व विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। नई शिक्षा नीति में स्कूलों में शिक्षकों के बीच टीमवर्क और नेतृत्व का विकास किया जाएगा।

By Ashok KumarEdited By: Nirmala BohraPublished: Mon, 06 Feb 2023 11:37 AM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2023 11:37 AM (IST)
नई शिक्षा नीति: नवाचार, नेटवर्क व नेतृत्व विकास पर रहेगा फोकस, उत्‍तराखंड में इस प्रकार तैयार किया गया रोडमैप
New Education Policy 2020: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत नवाचार, नेटवर्क और नेतृत्व विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।

अशोक केडियाल, देहरादून: New Education Policy 2020: उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत नवाचार, नेटवर्क और नेतृत्व विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।

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राज्य शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी) और अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने शिक्षा को कौशल से जोड़ने और विद्यालयी शिक्षा को ओर मजबूत व सशक्त बनाने पर बल दिया।

व्यवस्था को उत्तराखंड में भी लागू करने की सिफारिश

बीते गुरुवार को संपन्न हुई इस कार्यशाला में गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों के शिक्षा माडल का अध्ययन कर इनकी बेहतर व्यवस्था को उत्तराखंड में भी लागू करने की सिफारिश की गई। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने छात्रों के कंधों पर बस्ते के बोझ को कम करने की जो पहल की है वह आने वाले समय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के रूप में देखने को मिलेगी।

विद्यालयी शिक्षा को साफ्ट स्किल बनाने पर जोर दिया गया। राष्ट्रीय शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (एनसीईआरटी) की प्रो. इंद्राणी भादुड़ी ने तीन से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए कालांश एवं सत्रांत का पूर्ण मूल्यांकन करने की जो बात कही उससे छात्रों को आगे चलकर लाभ मिलेगा।

नई शिक्षा नीति का इस प्रकार तैयार किया गया रोडमैप

  • नई शिक्षा नीति में स्कूलों में शिक्षकों के बीच टीमवर्क और नेतृत्व का विकास किया जाएगा।
  • स्कूली बच्चों को संस्कारों से परिपूर्ण शिक्षा दी जाएगी।
  • गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए विद्या समीक्षा केंद्रों की स्थापना करना जरूरी बताया गया।
  • नई शिक्षा नीति की संकल्पना के अनुरूप कक्षा दो तक के बच्चों को खेल-खोज आधारित शिक्षा दी जाएगी।
  • स्कूली बच्चों के सर्वांगीण विकास, शिक्षण अधिगम, मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं शिक्षकों की समस्याओं के समाधान पर फोकस किया जाएगा।
  • पहली से 12वीं कक्षा तक की पाठ्यपुस्तकों को वार्षिक एवं अर्द्धवार्षिक परीक्षा के आधार पर विभाजित किया जा सकता है।
  • शिक्षा व्यवस्था को बेतहर बनाने के लिए शिक्षकों के स्थानांतरण, वरिष्ठता, पदोन्नति आदि के लिए न्यायपूर्ण एवं पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाएगी।
  • शिक्षक विद्यालय का नेतृत्व करेंगे। अभी तक के परिदृश्य में शिक्षक सरकारी बाबू बनकर रह गया है, लिहाजा शिक्षक में उसकी गरिमा और कर्तव्यबोध का भाव विकसित किया जाएगा।
  • हमारी विरासत पुस्तकों में जनपद के महापुरुषों और स्थानीय इतिहास की गाथाओं को शामिल किया जाएगा।
  • शिक्षण अधिगम, मूल्यांकन, अनुश्रवण आदि प्रक्रियाओं को विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से आनलाइन निगरानी करने पर बल दिया जाएगा।
  • विद्यालयों में प्रत्येक छात्र को अपने अध्ययन काल के दौरान एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एंड गाइड, रेडक्रास की गतिविधियों में शामिल होना अनिवार्य होगा।
  • छात्रों को पौधारोपण, नशामुक्त जैसे कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।
  • विद्यालय वर्ष में 220 दिन संचालित हो इसके लिए शासन स्तर पर चार सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी।
  • विद्यालय पूर्व शिक्षा को बाल वाटिका के माध्यम से पहली बार बाल्यावस्था देखभाल व्यवस्था शुरू की जा रही है।
  • शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति, छात्रों का आनलाइन मूल्यांकन और हर छात्र की यूनिट पहचान संख्या का आनलाइन अनुशरण किया जाएगा।
  • बच्चों के समग्र विकास के लिए पंचमय कोषों की अवधारण के साथ चरित्रवान, बुद्धिवान, बलवान और संस्कारवान बनाए जाने पर फोकस किया जा रहा है।
  • कक्षा तीन से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं का कालांश एवं सत्रांत का पूर्ण मूल्यांकन किया जाएगा।
  • बच्चों का संपूर्ण मूल्यांकन 360 डिग्री प्रगति कार्ड तैयार किया जाएगा।
  • अभिभावक, छात्र और शिक्षक बच्चे की शैक्षिक प्रगति के साथ उसके स्वास्थ्य, अभिरुचि, मूल्यों एवं जिज्ञासाओं का भी आकलन करेंगे।

एससीईआरटी व अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से आयोजित दो दिवसीय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) कार्यशाला में शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन और विद्यालयी शिक्षा को अपग्रेड करने की योजना पर मंथन किया गया। कार्यशाला में एनसीईआरटी, उत्तप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात राज्यों की शिक्षा व्यवस्था का न केवल अध्ययन किया गया, बल्कि बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था को यहां के पाठ्यक्रम में शामिल करने पर भी विचार हुआ। नई शिक्षा नीति में टीमवर्क, नेतृत्व विकास व हमारी विरासत पुस्तकों को तैयार करना महत्वपूर्ण है।

- डा. धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री उत्तराखंड


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