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उत्‍तराखंड में चारधामों की व्यवस्था के लिए बनेगा कानून, पढ़िए पूरी खबर

चारधाम धाम के साथ ही प्रदेश के विभिन्न अंचलों में स्थापित देवालयों एवं मंदिरों के संरक्षण संवर्द्धन के लिए जल्द ही उत्तराखंड लोक धार्मिक संस्थाएं एक्ट बनाया जाएगा।

By Edited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 02:41 PM (IST)
उत्‍तराखंड में चारधामों की व्यवस्था के लिए बनेगा कानून, पढ़िए पूरी खबर
उत्‍तराखंड में चारधामों की व्यवस्था के लिए बनेगा कानून, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। चारधाम धाम के साथ ही प्रदेश के विभिन्न अंचलों में स्थापित देवालयों एवं मंदिरों के संरक्षण संवर्द्धन के लिए जल्द ही उत्तराखंड लोक धार्मिक संस्थाएं (प्रबंधन एवं विकास) एक्ट बनाया जाएगा। इस एक्ट का प्रारूप चारधाम धाम विकास परिषद के अध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने बुधवार को विधानसभा के सभागार में हुई बैठक में राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेनि) राजेश टंडन को सौंपा।

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विधानसभा में राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेनि) राजेश टंडन और चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं की अध्यक्षता में प्रस्तावित उत्तराखंड लोक धार्मिक संस्थाएं (प्रबंधन एवं विकास) कानून के संबंध में चर्चा की गई। इसमें चारधाम यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाए जाने पर जोर दिया गाय। आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने बताया कि यह कानून चारों धामों कि सभी  हक हकूकधारियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। सभी मंदिरों को ध्यान में रखते हुए व सभी धामों के लोगों को बुलाकर एवं विश्वास में लेकर अपने आप में यह बैठक एतिहासिक रही है। इसमें सभी ने एक सुर में हक हकूकधारी की बात रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि आगामी यात्रा को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सभी की सहमति से यह बैठक बुलाई गई थी।

न्यायमूर्ति (सेनि) राजेश टंडन ने कहा कि उत्तराखंड का हित एवं यात्रियों को सुविधा देने के लिए अतिथि देवो भव: की तर्ज पर सबको सम्मान देने के लिए आयोग तत्पर है। पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी ने कहा कि कानून ऐसा हो जिसमें व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि समाज का हित ध्यान में रखा जाए और जिसमें सबकी सहमति हो। चारधाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश-प्रदेश के हित में सबको मिलकर कार्य करना चाहिए।

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बैठक में यह भी कहा गया कि चारधाम में यात्रियों की आवासीय सुविधा के लिए शेल्टर होम का निर्माण व बुकिंग की ऑनलाइन व्यवस्था की जाए। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अलावा जगमोहन उनियाल, कृतेश्वर उनियाल, राकेश सेमवाल, प्रवीण ममगाईं समेत सभी धामों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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श्राइन बोर्ड की तर्ज पर नहीं है विधेयक 

चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगार्ईं ने स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित एक्ट का मसौदा श्राइन बोर्ड की तर्ज पर बिल्कुल नहीं है। इस एक्ट में सभी हकहकूकधारियों के हितों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रेस नोट में उनके हवाले से गलत जानकारी दी जा रही है। गौरतलब है कि सरकारी प्रेस नोट में आचार्य ममगार्ईं के हवाले से कहा गया कि यह प्रारूप श्राइन बोर्ड के अनुरूप तैयार किया गया है।

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