खाद्यान्न सुरक्षा को वितरण प्रणाली में सुधार की दरकार, पढ़िए पूरी खबर
खाद्यान्न वितरण प्रणाली की खामियों के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालत यह है कि खाद्यान्न लेने के लिए लोग को जूझना पड़ रहा है पर जिम्मेदार उदासीन बने हुए हैं।
देहरादून, जेएनएन। केंद्र व प्रदेश सरकार ने नागरिकों की खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर कई अहम योजना चलाई हैं। जिसमें सस्ती दरों पर गेहूं-चावल, चीनी, केरोसिन वितरण योजना शामिल हैं। लेकिन वितरण प्रणाली की खामियों के कारण लोगों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालत यह है कि खाद्यान्न लेने के लिए लोग को जूझना पड़ रहा है, लेकिन जिम्मेदार उदासीन बने हुए हैं। इतना हीं नहीं, जिन राशन विक्रेताओं को सरकारी खाद्यान्न वितरण का जिम्मा सौंपा गया है, वो भी अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभा रहे हैं।
विभाग का राशन विक्रेताओं को किसी का डर नहीं है, इसलिए विक्रेता अपने हिसाब से दुकान खोलने और बंद करने का समय तय कर लेते हैं। इससे उपभोक्ताओं को राशन लेने के लिए बार-बार चक्कर लगने पड़ रहे हैं। इसके बाद भी लोगों को राशन नहीं मिल पाता। इतना ही नहीं आधा-अधूरा राशन बांटकर कोटा खत्म कर दिया जाता है। अधिकांश उपभोक्ता राशन से वंचित रह जाते हैं। वहीं, दस्तावेजों पर नजर डालें तो कार्डधारक को समय पर कोटा आवंटन दिखाया जाता है। शहर की दो-चार राशन की दुकानों को छोड़ दें तो शायद ही ऐसी कोई दुकान हो जहां कोई कार्डधारक परेशान न हो। कहीं दुकान के समय पर न खुलने की शिकायत रहती है तो कहीं निर्धारित कोटे से कम खाद्यान्न देने की। यदि खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित कराना है तो इसके लिए योजना की वितरण प्रणाली को प्रभावी बनाने की दिशा में गंभीरता से कार्य करने की जरूरत है। तभी उपभोक्ताओं को खाद्यान्न योजना का लाभ मिल पाएगा और सरकार का उद्देश्य साकार होगा।
दुकान खुलने का निर्धारित समय
राशन की दुकानों के लिए सुबह नौ बजे से 11 बजे और शाम को तीन से छह बजे तक का समय निर्धारित है। वहीं प्रत्येक शुक्रवार को विशेष वितरण दिवस के तहत राशन की दुकानों को आठ घंटे खोलना अनिवार्य है। मंगलवार को राशन की दुकानों का अवकाश घोषित है, लेकिन शेष सभी दिवस पर दुकान को खोलना अनिवार्य है।
हजारों लोग होते हैं प्रभावित
शहर रि अधिकांश राशन की दुकानों में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। देहरादून जिले में 1078 दुकानें हैं, इनमें करीब 70 फीसद से ज्यादा दुकानें निर्धारित समयानुसार नहीं खुल रही हैं। एक दुकान में औसतन 400 से डेढ़ हजार कार्डधारक हैं। दुकानों के समय से न खुलने से हर माह हजारों की संख्या में लोग प्रभावित होते हैं।
इन क्षेत्रों में आती हैं अधिक शिकायतें
खुड़बुड़ा, कांवली रोड, जीएमएस रोड, पटेलनगर, गोविंद गढ़, क्लेमेनटाउन, कनॉट प्लेस, धर्मपुर, ननूरखेड़ा, रायपुर, मोथरोवाला, केदारपुरम, सहसपुर, मियांवाला, सहसपुर, यमुना कॉलोनी, गांधी रोड, रेसकोर्स आदि।
इसीलिए दुकानों में उमड़ती है भीड़
राशन कार्डधारकों की शिकायतें रहती हैं कि राशन विक्रेता नियम के अनुसार नहीं बल्कि अपने हिसाब से कभी-कभी दुकानें खोलते हैं साथ ही समय भी उनके अनुसार ही होता है। ऐसे में लोगों को उसी समय आने का कहा जाता है जिससे उपभोक्ता की भीड़ लग जाती है। जबकि, यदि राशन विक्रेता महीने में प्रतिदिन राशन वितरण करें तो भीड़ की स्थिति से बचा जा सकता है और लोग भी अपनी सुविधानुसार किसी भी दिवस पर राशन उठा सकेंगे।
डीएम के आदेशों की भी अवहेलना
हद तो यह है कि राशन विक्रेताओं को जिलाधिकारी के आदेशों की भी परवाह नहीं है। अधिकांश दुकानों में शुक्रवार को विशेष वितरण दिवस का पालन नहीं किया जा रहा है। बता दें कि आठ महीने पूर्व जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन की ओर से महीने के हर शुक्रवार को विशेष वितरण दिवस के तहत आठ घंटे दुकान खोलने के आदेश जारी किए गए थे। इसका पालन कराने में जिला पूर्ति विभाग असफल रहा है।
ऑनलाइन पीडीएस से भी बच रहे
राशन की दुकानों में खाद्यान्न की गड़बड़ी रोकने के लिए विभाग की ओर से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) योजना लागू की गई है। योजना के तहत राशन विक्रेताओं को उपभोक्ताओं को खाद्यान्न वितरण का ऑनलाइन हिसाब देना होगा, साथ ही बायोमीट्रिक के माध्यम से वितरण होगा। ताकि खाद्यान्न में हेरफेरी न हो सके, लेकिन राशन विक्रेता ऑनलाइन पीडीएस से बच रहे हैं। जिलेभर में पांच-दस दुकानों को छोड़ दें तो सभी दुकानों में रजिस्टर पर ही खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। खाद्य आयुक्त कार्यालय भी इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू करा पाने में असफल साबित हुआ है।
यह हैं योजनाएं:
- राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा योजना (एनएफएसए): योजना के लिए पात्रता परिवार की 15000 रुपये मासिक आय है। योजना में दो किलो गेहूं/दो रुपये प्रति यूनिट व चावल तीन किलो/तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से दिया जाता है।
- राज्य खाद्यान्न सुरक्षा योजना : राज्य खाद्यान्न सुरक्षा योजना में पांच किलो गेहूं/8.60 रुपये प्रति कार्ड व तीन किलो चावल/तीन रुपये प्रति कार्ड (यूनिट) की दर से दिया जाता है।
- चीनी योजना: अंत्योदय परिवारों (कार्डधारक) को हर माह एक किलो चीनी वितरण की जाती है।
- केरोसिन वितरण: इस योजना में अंत्योदय परिवारों (कार्डधारकों) को मैदानी क्षेत्र में एक लीटर व ग्र्रामीण क्षेत्रों में तीन लीटर केरोसिन वितरित की जाती रही है, लेकिन दो महीने पूर्व शासन ने मैदानी क्षेत्रों में केरोसिन वितरण पर रोक लगा दी है।
बोले अधिकारी
विपिन कुमार (जिला खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी) का कहना है कि प्रदेश में हर जरूरतमंद को सरकारी खाद्यान्न योजना का लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। यदि राशन विक्रेताओं की शिकायतें आ रही हैं तो इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि वितरण प्रणाली को प्रभावी बनाया जा सके और आम जनता को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
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