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समाज में दोहरी मानसिकता को बदलने की जरूरत: रेखा आर्य

विकासनगर महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि लड़का-लड़की के बीच फर्क करना और दोहरी मानसिकता को बदलना होगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर 47 किशोरियों को स्वच्छता किट भी प्रदान की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 07:59 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 07:59 PM (IST)
समाज में दोहरी मानसिकता को बदलने की जरूरत: रेखा आर्य
समाज में दोहरी मानसिकता को बदलने की जरूरत: रेखा आर्य

जागरण संवाददाता, विकासनगर: महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि लड़का लड़की को लेकर समाज में दोहरी मानसिक को बदलने की जरूरत है। जब तक इस तरह की मानसिकता नहीं बदलेगी, न बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ थीम साकार होगी और न ही समाज का चहुमुखी विकास होगा। नगर पालिका टाउन हाल में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री आर्य ने कहा कि बाल विकास विभाग बेटी बचाने, पढ़ाने व कुपोषण को दूर करने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है।

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राज्य मंत्री ने बेटियों का महत्व समझाते हुए कहा कि नवरात्र पर हम देवी पूजन कर घर में खुशहाली की मन्नतें मांगते हैं। दूसरी ओर कुछ लोग भ्रूण हत्या जैसा महापाप भी करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज में दोहरी मानसिकता को बदलने की जरूरत है। प्रकृति ने समाज में लड़का व लड़की दिए हैं, दोनों का अपना महत्व है, लेकिन बालिका जब शिक्षित होती है तो पूरे समाज के उत्थान की दिशा मिलती है। राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि लड़कियों की संख्या कम होना समाज के लिए सही नहीं है। कहा कि बेटियां मानसिक रूप से ज्यादा ताकतवर होती हैं। आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं हैं, जहां पर लड़कियां लड़कों से किसी भी मायने में कम हो। उन्होंने कहा कि बोक्सा जनजाति की ड्राप आउट 47 किशोरियों को स्कूलों में एडमिशन कराए गए हैं। उन्होंने शिक्षा को समाज उत्थान में बड़ा हथियार बताया। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान ने कहा कि जब तक समाज की सोच नहीं बदलेगी, बालिका दिवस हो या महिला दिवस सारे प्रयास बेकार हैं। उन्होंने कहा कि समाज में लड़का लड़की बराबर हैं। उन्होंने कहा कि आज युवतियां किसी भी मायने में युवकों से पीछे नहीं हैं। राफेल तक युवतियां उड़ा रही हैं। उन्होंने कहा महिलाएं अपने को कम न समझें। गृहणी यदि घर में है तो तभी घर आबाद है। जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने कहा कि 26 जनवरी 21 तक जिले को शत प्रतिशत साक्षर बना दिया जाएगा। जिन ग्राम पंचायतों में बालिका शिक्षा पर काम हुआ है, हर ब्लाक की दस दस ग्राम पंचायत चिन्हित कर उन्हें पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। कार्यक्रम को मूर्त रूप देने में अहम भूमिका निभाने वाली विभागीय सीडीपीओ तरुणा चमोला, क्षमा बहुगुणा, सुपरवाइजरों सोनी रावत, लक्ष्मी, महिला शक्ति केंद्र लीडर सरोज ध्यानी को भी प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने ड्राप आउट 47 बालिकाओं, जिनका एडमिशन स्कूलों में कराया गया है, उनको स्कूल ड्रेस, बैग, स्टेशनरी व स्वच्छता किट प्रदान की। जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा, राज्य परियोजना अधिकारी मोहित चौधरी, उपनिदेशक महिला सशक्तिकरण एंव बाल विकास विभाग डॉ. एसके सिंह, डीपीओ विक्रम सिंह, एसडीएम सौरभ असवाल, लक्ष्मी चौहान, वैभवी डोगरा, सुपरवाइजर ब्रहमी तोमर, गायत्री रावत, मीना, विधु गुलाटी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सुपरवाइजर नीलम जसवाल ने किया।

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इन्हें प्रदान की गई स्कूल ड्रेस, बैग व अन्य सामग्री

विकासनगर: कार्यक्रम में बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने ड्राप आउट 47 बालिकाओं, जिनका एडमिशन स्कूलों में कराया गया है, उनको स्कूल ड्रेस, बैग, स्टेशनरी व स्वच्छता किट प्रदान की। सामग्री प्राप्त करने वाली बालिकाओं में प्रिया, पूजा, संगीता, सुहानी, राजकुमारी, सविता, मोना, रविना, रक्षा, लक्ष्मी, रजनी, दिव्या, नेहा, सुमन, वर्षा, निशू, आइशा, साहिबा, किरन, मनीषा, मीनू, शालू, पिकी आदि शामिल रहीं।


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