एनडी तिवारी उत्तराखंड के इकलौते मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने पूरा किया पांच साल का कार्यकाल
एनडी तिवारी उत्तराखंड के ऐसे इकलौते मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने अब तक मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल का कार्याकाल पूरा किया।
देहरादून, [जेएनएन]: एनडी तिवारी उत्तराखंड के ऐसे इकलौते मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने अब तक मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल का कार्याकाल पूरा किया। वह 2002 से 2007 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। वहीं, उन्होंने दो राज्यों (उत्तराखंड और यूपी) के मुख्यमंत्री रहने का गौरव भी प्राप्त है। एनडी तिवारी यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री (1976 - 1977, 1984 - 1985, 1988 - 1989) रहे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड राज्य का गठन नौ नवंबर 2000 में किया गया। नित्यानन्द स्वामी सूबे के पहले मुख्यमंत्री बने। उनका शासनकाल नौ नवंबर 2000 से लेकर 29 अक्टूबर 2001 तक रहा। इसके बाद भगत सिंह कोश्यारी 30 अक्टूबर 2001 से एक मार्च 2002 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद सूबे में 2002 में विधानसभा चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस की सरकार आई। नारायण दत्त तिवारी सूबे के तीसरे मुख्यमंत्री बने। उन्होंने पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री के पद पर कार्यकाल पूरा किया। वह 2002 से 2007 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद भुवन चन्द्र खण्डूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, हरीश रावत मुख्यमंत्री बने, लेकिन एनडी तिवारी को छोड़कर किसी ने भी सीएम पद पर पांच साल पूरे नहीं किए। अभी त्रिवेंद्र सिंह रावत सूबे के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 18 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और उनका कार्याकाल
- नित्यानन्द स्वामी ( नौ नवंबर 2000 से लेकर 29 अक्टूबर 2001 तक)
- भगत सिंह कोश्यारी (30 अक्टूबर 2001 से एक मार्च 2002 तक)
- नारायण दत्त तिवारी ( 2002 से 2007 तक )
- भुवन चन्द्र खंडूड़ी ( 8 मार्च 2007 से 27 जून, 2009)
- रमेश पोखरियाल निशंक ( 27 जून 2009 से 11 सितंबर 2011)
- भुवन चन्द्र खंडूड़ी (11 सितंबर 2011 से 2012 तक) एक कार्यकाल में दूसरी बार)
- विजय बहुगुणा ( 2012 से 2014)
- हरीश रावत (फ़रवरी 2014 से 2017 तक)
- त्रिवेंद्र सिंह रावत (18 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की, वर्तमान में उत्तराखंड के सीएम हैं)
एनडी तिवारी का राजनीतिक सफर
- 1945-49 तक ऑल इंडिया स्टूडेंट कांग्रेस के सचिव रहे
- 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष
- 1948 में कांग्रेस समाजवादी पार्टी में शामिल
- 1952 में नैनीताल से विधायक
- 1959 में समाजवादी नेता के रूप में यूरोप की लंबी यात्रा
- 1962 में चुनाव में पराजय, अमेरिका में नेशनल हेराल्ड के संवाददाता के तौर पर कार्य
- 1964 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी में बिखराव के बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल
- 1969 चंद्रभान गुप्त कैबिनेट में शामिल
- कांग्रेस विभाजन के बाद चौ चरण सिंह सरकार में वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री
- 1971 में मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी कैबिनेट में वित्त, उद्योग समेत महत्वपूर्ण महकमों की जिम्मेदारी
- 1973 में मंत्रिमंडल पुनर्गठन में दोबारा उक्त दायित्व
- 1976 में उप्र के मुख्यमंत्री बने
- 1980 में नैनीताल से लोकसभा के लिए निर्वाचित, केंद्रीय राजनीति की ओर रुझान केंद्रीय योजना मंत्री, उद्योग व श्रम मंत्रालय
- 1984 में आम चुनाव में उप्र के दोबारा मुख्यमंत्री एक साल बाद केंद्रीय उद्योग मंत्री, फिर इसके बाद विदेश और वित्त मंत्री का दायित्व उप्र के मुख्यमंत्री
- 2002-07 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
- 2007-09 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल
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