अंतिम चरण में नई शिक्षा नीति, जल्द कैबिनेट में लाएंगे : डॉ. निशंक
मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देशभर से आए सुझावों के बाद नई शिक्षा नीति का मसौदा लगभग तैयार है। नई शिक्षा नीति प्रयोगात्मक शिक्षा और व्यवहारिकता को बढ़ावा देने वाली होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में पूरे 33 सालों बाद बदलाव हो रहा है इसमें आधुनिकता पर भी जोर दिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसे जल्द कैबिनेट में रखने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देशभर से आए सुझावों के बाद नई शिक्षा नीति का मसौदा लगभग तैयार है। नई शिक्षा नीति प्रयोगात्मक शिक्षा और व्यवहारिकता को बढ़ावा देने वाली होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में पूरे 33 सालों बाद बदलाव हो रहा है, इसमें आधुनिकता पर भी जोर दिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसे जल्द कैबिनेट में रखने जा रहा है।
एससीईआरटी के तत्वावधान में पांच दिवसीय नेशनल इनीसिएटिव फॉर स्कूल हेड्स एंड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट (निष्ठा) कार्यशाला का उद्घाटन मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय, रायपुर विधायक उमेश काऊ, एनसीईआरटी के नेशनल रिसोर्स पर्सन के निदेशक प्रोफेसर हिृषिकेश सेनापति समेत अन्य अधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला एनसीईआरटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (नीपा) के संयुक्त प्रयासों से तैयार की गई है। डॉ. निशंक ने कहा कि बेसिक स्कूलों के हेड और प्रमुख शिक्षकों के लिए यह कार्यशाला देशभर में मिशन मोड में संचालित हो रही है। यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि इस ट्रेनिंग का उद्देश्य शिक्षकों को उनके विषयों में दक्ष बनाना है। इसके अलावा शिक्षकों को नेतृत्व क्षमता विकसित करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ट्रेनिंग में शामिल शिक्षकों को बतौर की- रिसोर्स पर्सन एवं स्टेट रिसोर्स पर्सन तैयार किया जाएगा। यह शिक्षक आगे जिला और ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को खुद और छात्रों को आने वाली चुनौतियों का सामना करने और इनका समाधान खोजने के लिए भी तैयार करना होगा। देश में शिक्षा में इस स्तर का काम किए जाने की जरूरत है कि हम दोबारा जगत गुरु के रूप में उभर कर आएं। उन्होंने कहा कि दुनिया का पहला विश्वविद्यालय बद्रीश विवि उत्तराखंड में था। ऐसा वक्त आएगा जब लोग आइएएस-पीसीएस नहीं शिक्षक बनना चाहेंगे। अच्छा शिक्षक ही आइएएस-पीसीएस बना सकता है। नई शिक्षा नीति नए भारत के निर्माण में सहायक बनेगी। कार्यक्रम में रायपुर के विधायक उमेश शर्मा, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुंवर और निदेशक एससीईआरटी सीमा जौनसारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
ट्रेनिंग का परिणाम भी दें शिक्षक: शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने राज्य की ट्रेनिंग व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अक्सर देखा जाता है कि शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के बाद कोई परिणाम सामने नहीं आता। कहा कि अगर किसी चीज पर सरकारी धन व्यय हो रहा है तो इसका धरातल पर परिणाम भी दिखना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों को ट्रेनिंग का पूरा फायदा लेने और इसका शत प्रतिशत परिणाम देने का आह्वान किया। कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक एक सामंजस्य के साथ काम करें तो शिक्षा अपने उद्देश्यों पर खरा उतर पाने में सफल होगी। शिक्षक ने अपनी पूरी जिंदगी में 10 छात्रों को भी पढ़ा लिखाकर सफल बनाया तो यही सबसे बड़ी कामयाबी है। पर्याप्त संसाधन, प्रशिक्षित शिक्षक होने के बावजूद सरकारी शिक्षा के हालात बहुत अच्छे नहीं है। लगातार प्रशिक्षण हो रहे हैं, लेकिन उसका कोई फायदा दिख नहीं रहा है।
मंत्री और अधिकारियों से मजाक
डॉ. निशंक मंच पर बड़े हल्के -फुल्के अंदाज में नजर आए। उन्होंने कार्यक्रम को हंसी-मजाक के मूड में संबोधित किया। मंच से उन्होंने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के संघर्ष और फैसलों की तारीफ की। वहीं शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम और एससीईआरटी निदेशक सीमा जौनसारी की भी तारीफ की। कहा कि शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम बेहद सकारात्मक और रिजल्ट ओरिएंटेड ब्यूरोक्रेट हैं। कहा जाता है कि नौकरशाह की ट्रेनिंग 'ना' से शुरू होती है, लेकिन मीनाक्षी हर काम के लिए बेहद गर्मजोशी से हा करते हैं।