एनसीईआरटी ने दी राज्य सरकार को बड़ी राहत
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत करीब सात लाख छात्र-छात्राओंको एनसीईआरटी की किताबों की कमी से परेशान नहीं होना पड़ेगा।
By Edited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 02:59 AM (IST)Updated: Tue, 03 Jul 2018 05:09 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत करीब सात लाख छात्र-छात्राओंको एनसीईआरटी की किताबों की कमी से परेशान नहीं होना पड़ेगा। एनसीईआरटी ने प्रदेश सरकार के अनुरोध को मानकर अपने बुक वेंडर्स को किताबों की आपूर्ति करने के निर्देश जारी किए हैं। इससे प्रदेश सरकार ने राहत की सांस ली है। प्रदेश में कक्षा तीन से लेकर बारहवीं तक सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत करीब सात लाख छात्र-छात्राओं के लिए अब एनसीईआरटी की किताबों की कमी का अंदेशा जताया जा रहा है। इसे देखते हुए बीती 13 जून को मंत्रिमंडल ने उत्तरप्रदेश के प्रकाशकों की सस्ती किताबों की मदद लेने का निर्णय लिया था। उक्त संबंध में शासनादेश भी जारी किया जा चुका है। गौरतलब है कि चालू शैक्षिक सत्र 2018-19 के लिए मुफ्त किताबें खुद प्रकाशित कराने से सरकार ने कदम पीछे खींच लिए थे। कक्षा एक से आठवीं तक सभी छात्र-छात्राओं, कक्षा नौ से बारहवीं तक अध्ययनरत सभी छात्राओं और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति व पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबों के एवज में किताबों की कीमत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना के तहत उनके बैंक खातों में भेजी जा रही है। इस वजह से करीब सात लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को 30 लाख से ज्यादा किताबें बाजार से खरीदनी होंगी, लेकिन इतनी संख्या में किताबों की छपाई सरकार की ओर से नहीं कराई गई। किताबों की कमी के अंदेशे को देखते हुए ही सरकार ने एनसीईआरटी को पत्र भेजा था। एनसीईआरटी ने शिक्षा महानिदेशक को भेजे जवाबी पत्र में उत्तराखंड को राहत दी है। एनसीईआरटी ने अपने वेंडर्स को मांग के मुताबिक किताबों का स्टॉक मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने कहा कि एनसीईआरटी के इस कदम से किताबों की कमी का संकट दूर करने में मदद मिलेगी।
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