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उत्‍तराखंड: भाजपा विधायक के भाई की पत्नी कोच्चि से गिरफ्तार, जमीन धोखाधड़ी के मामले में थी फरार, पुलिस ने किया था इनाम घोषित

देहरादून के राजपुर में चालांग गांव निवासी सचिन उपाध्याय की पत्नी नाजिया यूसुफ देहरादून में वल्र्ड इंटीग्रेटेड सेंटर (डब्ल्यूआइसी) की निदेशक भी हैैं। इसके अलावा उनके खिलाफ राजपुर थाने में मार्च 2017 को धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 02:39 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 08:14 PM (IST)
उत्‍तराखंड: भाजपा विधायक के भाई की पत्नी कोच्चि से गिरफ्तार, जमीन धोखाधड़ी के मामले में थी फरार, पुलिस ने किया था इनाम घोषित
भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय के भाई की पत्नी नाजिया को कोच्चि में गिरफ्तार किया गया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: धोखाधड़ी के मामले में टिहरी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय के भाई सचिन उपाध्याय की पत्नी नाजिया यूसुफ को कोच्चि (केरला) पुलिस ने गुरुवार को कोच्चि एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया। नाजिया को देहरादून लाने के लिए राजपुर थाने से एक दारोगा व महिला सिपाही को कोच्चि भेजा गया है। यह टीम शनिवार को आरोपित को लेकर देहरादून लौटेगी। लंबे समय से फरार नाजिया पर पुलिस ने एक हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। साथ ही उसका लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया था।

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राजपुर थाने में मार्च 2017 को धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

देहरादून के राजपुर में चालांग गांव निवासी सचिन उपाध्याय की पत्नी नाजिया यूसुफ देहरादून में वल्र्ड इंटीग्रेटेड सेंटर (डब्ल्यूआइसी) की निदेशक भी हैैं। उनके खिलाफ राजपुर थाने में मार्च 2017 को धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा दिल्ली में कारोबार करने वाले और मूल रूप से देहरादून के ट्रेफलघर अपार्टमेंट धोरणखास निवासी मुकेश जोशी ने दर्ज कराया था।

संपर्क करने के बावजूद आरोपित सचिन ने नहीं लौटाए रुपये

मुकेश ने राजपुर थाने में दी तहरीर में बताया था कि वर्ष 2012 में दिल्ली के एक थाने में सचिन व नाजिया के खिलाफ उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर कर उनकी संपत्ति खुर्द-बुर्द करने का मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि, बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया। जिसमें तय हुआ कि मुकेश को सचिन 2.65 करोड़ रुपये देगा। साथ ही जब तक यह रकम अदा नहीं कर दी जाती, तब तक आरोपित की राजपुर रोड स्थित एक संपत्ति मुकेश के पास बंधक रहेगी। मुकेश जोशी के अनुसार, कई बार संपर्क करने के बावजूद आरोपित सचिन ने रुपये नहीं लौटाए।

इसी बीच उन्हें पता चला कि आरोपित ने समझौते के तहत उनके पास बंधक रखी गई संपत्ति पर बैंक से लोन ले लिया है। इसको लेकर मुकेश ने सचिन से विरोध जताया तो उसने रकम देने से इन्कार कर दिया और धमकी देने लगा।

राजपुर थाने में दर्ज इस मामले में एसआइटी की जांच के बाद पुलिस ने जनवरी 2020 में आरोपित सचिन उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि नाजिया फरार हो गई थी। पुलिस ने नाजिया के आवास पर कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस भी चस्पा किया था, लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हुई।

सचिन के खिलाफ भी कई मुकदमे

सचिन उपाध्याय के खिलाफ राजपुर थाने में धोखाधड़ी के अलावा पटेलनगर कोतवाली में भी शीशमबाड़ा में प्लाट बेचने के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज है। पीडि़तों ने उसे एक करोड़ रुपये से अधिक रुपये दे दिए, लेकिन उसने किसी को भी प्लाट उपलब्ध नहीं कराए। इस मामले में गुरुग्राम हरियाणा निवासी प्रमोद बडोनी ने जुलाई 2020 में मुकदमा दर्ज करवाया था।

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