यहां मतदाता दीदी चौपाल लाकर देंगी ईवीएम का ज्ञान, महिलाओं को किया जाएगा जागरूक
National Voters Day 2022 निर्वाचन आयोग ने इसके लिए महिला चौपाल और मतदाता दीदी अभियान शुरू किया है। इसके तहत सीमांत जनपद उत्तरकाशी के उन मतदान केंद्रों को चुना गया है जहां 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं ने 55 प्रतिशत से कम मतदान किया।
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी। National Voters Day 2022 लोकतंत्र के महापर्व में महिला और पुरुष दोनों की भागीदारी बराबर हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पहल की जा रही है। निर्वाचन आयोग ने इसके लिए महिला चौपाल और मतदाता दीदी अभियान शुरू किया है। इसके तहत सीमांत जनपद उत्तरकाशी के उन मतदान केंद्रों को चुना गया है, जहां 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं ने 55 प्रतिशत से कम मतदान किया था। इन गांवों में चौपाल लगाकर मतदाता दीदी न केवल गढ़वाली में महिला मतदाताओं को मतदान की शपथ दिलाएंगी, बल्कि ईवीएम को लेकर जानकारी भी देंगी।
उत्तरकाशी जिले में पुरोला, यमुनोत्री और गंगोत्री विधानसभा हैं। इन तीनों विधानसभा सीटों पर 114500 महिला मतदाता हैं, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 120924 है। हर बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जनपद की महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुष मतदाताओं से अधिक रहता है, लेकिन जनपद में कुछ ऐसे बूथ भी हैं, जहां महिला मतदान प्रतिशत बेहद कम रहा है। निर्वाचन आयोग ने ऐसे बूथों को चिह्नित किया है। उत्तरकाशी के मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि जिले में विधानसभा चुनाव 2017 में 47 बूथ और लोकसभा चुनाव 2019 में 60 बूथ ऐसे थे, जहां महिलाओं ने 55 प्रतिशत से कम मतदान किया।
अब इन केंद्रों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग ने नुक्कड़ नाटक, समूह गान, गढ़वाली रैबार के साथ 'महिला चौपाल' और 'मतदाता दीदी' अभियान शुरू किया है। महिला चौपाल और मतदाता दीदी की जिम्मेदारी बाल विकास विभाग की ओर से गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, सहायिका और हर बार मतदान करने वाली जागरूक महिलाओं को दी जा रही है।
जिला निर्वाचन अधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि उत्तरकाशी जनपद में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा है। लेकिन, कुछ बूथों पर महिलाओं का मतदान प्रतिशत बेहद कम रहा है। इसे लेकर महिलाओं को जागरूक कर मतदान प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
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