गंगा का अस्तित्व हमारे देश की समृद्धि से जुड़ा हुआ: चंडी प्रसाद भट्ट
ऋषिकेश में दो दिवसीय गंगा की संस्कृति एवं गंगा का समाज विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
ऋषिकेश, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण द्वारा राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे प्रकोष्ठ के तत्वावधान में दो दिवसीय गंगा की संस्कृति एवं गंगा का समाज विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुनिकीरेती स्थित गंगा रिजल्ट में संगोष्ठी का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट, लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, गढ़वाल विश्वविद्यालय पर्यटन विभाग के विभागाध्यक्ष एससी बागड़ी ने संयुक्त रूप से किया।
प्रथम सत्र में पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि गंगा का अस्तित्व हमारे देश की समृद्धि से जुड़ा हुआ है, उन्होंने कहा कि आज समझने की जरूरत है कि गंगा गोमुख से गंगासागर तक कैसे निर्मल और अविरल रहे। उन्होंने कहा कि हमें बचपन में ही गंगा के प्रति सम्मान की बात सिखाई जाती थी, इसे धार्मिकता से जोड़ा गया, जबकि गंगा के वैज्ञानिक पहलू हमें मालूम नहीं थे। मगर सत्य है कि चाहे धार्मिक पक्ष हो या वैज्ञानिक पक्ष किसी न किसी रूप में गंगा को सम्मान देकर इसे निर्मल बनाने बनाना हमारी जिम्मेदारी है।
प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि हम काफी कुछ खो चुके हैं। मगर अभी भी पाने के लिए बहुत कुछ है। देर से ही सही मगर आप गंगा को बचाने के लिए संजीदगी से प्रयास किए जा रहे हैं। दो दिवसीय संगोष्ठी में चार अलग-अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे। इस दौरान नगर निगम ऋषिकेश की महापौर अनीता मंगाई। नगर पालिका अध्यक्ष मुनि की रेती रोशन रतूड़ी, उमंग के सदस्य मोहन नैथानी, डॉक्टर प्रभाकर बडोनी, प्रोफेसर पी एस राणा, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एसपी सिंह, मंजुल राणा, चंद्रवीर पोखरियाल, मनोज द्विवेदी, मोहन पवार आदि उपस्थित थे।
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