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उम्मीद: आपदा से विष्णुगाड में दबी एनटीपीसी के बांध की टनल में अभी जीवन की आस बाकी

चमोली गढ़वाल की नीती घाटी में आई आपदा से विष्णुगाड में दबी एनटीपीसी के बांध की टनल में अभी जीवन की आस बाकी है। नेशनल जीओ फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सर्वे रिपोर्ट में टनल में अच्छा एयर गैप मिला है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 03:53 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 11:59 PM (IST)
उम्मीद: आपदा से विष्णुगाड में दबी एनटीपीसी के बांध की टनल में अभी जीवन की आस बाकी
विष्णुगाड में दबी एनटीपीसी के बांध की टनल में अभी जीवन की आस बाकी है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : चमोली गढ़वाल की नीती घाटी में आई आपदा से विष्णुगाड में दबी एनटीपीसी के बांध की टनल में अभी जीवन की आस बाकी है। नेशनल जीओ फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सर्वे रिपोर्ट में टनल में अच्छा एयर गैप मिला है। इस रिपोर्ट के बाद अब रेस्क्यू दल ने अगली रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। 

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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का एयरबोर्न हाई रेजुलेशन इलेक्ट्रो मैगनेटिक सर्वे कर रही नेशनल जीओ फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआइ) से राज्य सरकार ने दबी टनल के भूगर्भीय अध्ययन के लिए मदद मांगी थी। जिस पर नेशनल जीओ फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआइ) के  मिशन हेड वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुभाष चंद्रा की देखरेख में मंगलवार को चमोली आपदा क्षेत्र में सर्वे शुरू किया था। मंगलवार रात को ही एनजीआरआइ ने अपनी अध्ययन रिपोर्ट एसडीआरएफ को सौंप दी थी। डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि टीम ने यहां टनल के अध्ययन के लिए दो दौर का सर्वे किया था। उन्होंने बताया कि टनल का अध्ययन कर गोपनीय रिपोर्ट एसडीआरएफ को सौंप दी गई है।

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इस रिपोर्ट पर दो दौर की वार्ता के साथ उच्चाधिकारियों के साथ रणनीति पर भी चर्चा हुई है। जिसके बाद रेस्क्यू टीम टनल में रेस्क्यू की रणनीति बना रही हैं। डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि हाई रेजुलेशन इलेक्ट्रो मैगनेटिक सर्वे में सिर्फ भूगर्भ के भीतर पानी, चट्टान,  सिल्ट व एयरगैप का पता लगाया जा सकता है। इसमें जैविक घटक की मौजूदगी का पता नहीं चल पाता है। डॉ. चंद्रा के मुताबिक टनल के अध्ययन से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट तो साझा नहीं की जा सकती मगर, इतना अवश्य है कि टनल में काफी अच्छा एयर गैप है, जिसमें जीवन की संभावनाएं हो सकती है।

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