उत्तराखंड में केंद्र की मदद के भरोसे नेशनल गेम्स का आयोजन Dehradun News
उत्तराखंड में प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स के लिए बजट की व्यवस्था पूरी तरह से केंद्र सरकार पर केंद्रित है। केंद्र ने मदद नहीं की तो आयोजन खटाई में पड़ सकता है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स के लिए बजट की व्यवस्था पूरी तरह से केंद्र सरकार पर केंद्रित है। खेल विभाग भले ही इसकी तैयारी में जुटा हुआ है, लेकिन केंद्र की मदद से ही नेशनल गेम्स का आयोजन संभव हो पाएगा। यदि केंद्र ने आयोजन के लिए मांगी धनराशि पर हामी नहीं भरी तो प्रस्तावित गेम्स के अधर में फंसने की ज्यादा आशंका है।
उत्तराखंड में 2021 में 38वें नेशनल गेम्स का आयोजन प्रस्तावित है। तैयारी के लिए समिति का गठन कर खेल निदेशालय में ही नेशनल गेम्स सचिवालय बनाया गया है। सरकार भी नेशनल गेम्स की मेजबानी को तैयार होने की बात कह रही है।
हकीकत यह है कि केंद्र सरकार की मदद के बिना यह संभव नजर नहीं आ रहा है। हाल ही में नेशनल गेम्स की अवस्थापना सुविधा विकास के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र से 682 करोड़ रुपये की मांग की है।
केंद्र से सहायता मिलने पर संशय
केंद्र सरकार से नेशनल गेम्स के आयोजन के लिए 682 करोड़ रुपये की सहायता मांगी गई है। प्रदेश सरकार इसी उम्मीद पर है कि केंद्र पूरी सहायता करेगा। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार इतनी बड़ी धनराशि देने में शायद ही हामी भरे।
खेल गांव बनाने में उलझा विभाग
नेशनल गेम्स में आने वाले खिलाडिय़ों की व्यवस्था मेजबान राज्य को करनी होती है। लेकिन खेल विभाग अभी तक खिलाडिय़ों के ठहरने की व्यवस्था पर कोई निर्णय नहीं ले पाया है। पहले इसके लिए केरल की तर्ज पर हट निर्माण करने या खेल गांव बनाने की बात की जा रही थी, लेकिन इस योजना पर अभी तक बात नहीं बन पाई है।
अवस्थापना सुविधा करा सकती है किरकिरी
नेशनल गेम्स में 32 खेल विधाओं का आयोजन होना है। इसमें से आधे इंडोर खेल है। इनके आयोजन की बात करें तो कम से कम छह इंडोर हॉल होने चाहिए। अवस्थापना की बात करें तो नेशनल गेम्स के लिए वॉलीबाल, बास्केटबाल, बैडमिंटन आदि में कम से कम छह कोर्ट होने चाहिए।
बैडमिंटन के लिए परेड ग्राउंड में मल्टीपर्पज हॉल तैयार हो रहा है। हालांकि इसके निर्माण में पूरा होने में अभी समय लग रहा है। स्पोर्टस कॉलेज में इंडोर हॉल में वॉलीबाल के आयोजन का दावा तो किया जा रहा है। इसमें पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। शूटिंग रेंज का निर्माण भी अधर में लटका हुआ है। इंडोर हॉल के तौर पर आइस स्केटिंग रिंक को लेने की बात भी हो रही है। जबकि बास्केटबाल के लिए इंडोर की कोई व्यवस्था नहीं है।
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