नारी निकेतन में मिली 11 बालिकाएं, बालिका निकेतन भेजने के आदेश
नारी निकेतन में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निरीक्षण के दौरान 1
जागरण संवाददाता, देहरादून: नारी निकेतन में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निरीक्षण के दौरान 18 वर्ष से कम उम्र की 11 बालिकाएं पाई गई। इनमें चार मानसिक रूप से कमजोर और सात पोक्सो एक्ट की पीड़ित बालिकाएं हैं। आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब नारी निकेतन में क्षमता से अधिक संवासिनियां रह रही हैं तो फिर बालिका निकेतन से बालिकाओं को नारी निकेतन में शिफ्ट करने का क्या औचित्य था। उन्होंने उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह से नारी निकेतन से 11 बालिकाओं को वापस बालिका निकेतन भेजने और तमाम व्यवस्थाओं की निगरानी करने के निर्देश दिए।
शुक्रवार को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी, सदस्य शारदा त्रिपाठी और एसडीएम प्रत्यूष सिंह नारी निकेतन का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण में पाया गया कि 75 संवासिनियों की क्षमता वाले नारी निकेतन में 115 संवासिनियां रखी गई हैं। संवासिनियों के लिए महज 90 बेड की ही व्यवस्था है। व्यवस्थाओं की कमी के कारण संवासिनियों में इंफेक्शन फैलने की आशंका बनी रहती है। उन्होंने संवासिनियों की देखरेख के लिए एक अधीक्षक रखने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने अधीक्षक कंचन आर्य से सभी संवासिनियों की उम्र के संबंध में रिपोर्ट मांगी। इस पर पता चला कि नारी निकेतन में 18 वर्ष से कम उम्र की 11 बालिकाएं भी हैं। जिसे लेकर कड़ा ऐतराज जताते हुए उन्हें बालिका निकेतन भेजने के आदेश दिए गए। इससे पूर्व बालिका निकेतन का भी निरीक्षण किया गया।
मीडियाकर्मियों के आते ही खिड़की-दरवाजे बंद: जब आयोग की अध्यक्ष नेगी और एसडीएम प्रत्यूष सिंह नारी निकेतन में निरीक्षण को जा रहे थे तो मीडियाकर्मियों ने भी प्रवेश देने का अनुरोध किया, लेकिन उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। आयोग के सदस्यों की अनुमति पर मीडियाकर्मियों को गार्ड रूम तक जाने दिया गया। जैसे ही अधीक्षक ने मीडियाकर्मियों को मुख्य गेट से प्रवेश करते देखा, उन्होंने सभी खिड़की-दरवाजे बंद करवा दिए। हालांकि मीडियाकर्मी गार्ड रूम से आगे नहीं गए।
एसडीएम गलती से पहुंचे नारी निकेतन: दरअसल, आयोग की टीम बालिका निकेतन में निरीक्षण को पहुंची, लेकिन एसडीएम प्रत्यूष सिंह को जानकारी थी कि आयोग की टीम नारी निकेतन पहुंची है। इसलिए एसडीएम पहले नारी निकेतन पहुंच गए और मुख्य गेट पर प्रवेश कर गए, जब उन्होंने पूछा तो पता चला कि आयोग की टीम नारी निकेतन में है। फिर वह नारी निकेतन पहुंचे।
बालिकाएं शिफ्ट करने पर टकराव
बाल आयोग की अध्यक्ष नेगी ने नारी निकेतन से 11 बालिकाएं बालिका निकेतन में शिफ्ट करने के आदेश तो दे दिए हैं, लेकिन जिला बाल कल्याण समिति की ओर से इस पर ऐतराज जताया जा रहा है। उनका कहना है कि मानसिक रूप से कमजोर बालिकाओं के साथ सामान्य बालिकाओं को रखने पर बुरा असर पड़ेगा।