यहां प्रत्याशियों का नाम तुरंत जोड़ा, वोटरों को कटाए चक्कर; जानिए
सरकार जहां मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती वहींनिर्वाचन की मशीनरी पहले तो बिना उचित जांच पड़ताल के मतदाताओं के नाम काट देती है।
देहरादून, जेएनएन। एक तरफ सरकार मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती और दूसरी तरफ निर्वाचन की मशीनरी पहले तो बिना उचित जांच पड़ताल के मतदाताओं के नाम काट देती है। फिर ऐसे लोग जब नाम जुड़वाने जाते हैं तो उन्हें खूब चक्कर कटवाए जाते हैं। डालनवाला वार्ड (संख्या 29) का ताजा मामला इसका उदाहरण है। पंचस्थानि चुनावालय ने आरटीआइ में भी नाम काटे जाने और उसको जुड़वाने को लेकर स्पष्ट सूचना नहीं दी। मामला जब सूचना आयोग पहुंचा तो अब जाकर छह माह के विलंब से एक ही परिवार के चार लोगों के नाम जोड़े गए।
डालनवाला निवासी मदन मोहन नेगी, हिमांशु नेगी, उर्मिला नेगी और निर्मला नेगी के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए थे। चुनाव के दौरान वह वोटर कार्ड लेकर भी चुनावालय पहुंचे थे, मगर नाम नहीं जोड़ा गया। 18 नवंबर को चुनाव होने के बाद 26 नवंबर को उन्होंने इसकी जानकारी आरटीआइ में मांगी थी। तय समय के भीतर उचित जवाब न मिलने पर उन्होंने सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया।
मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए पाया कि अपीलार्थी और उनके परिवार के सदस्यों के नाम जोड़े जाने के आवेदन और कई चक्कर काटने के बाद भी जांच की बात कही गई, जबकि दो पार्षद प्रत्याशियों के नाम बिना जांच सिर्फ प्रार्थना पत्र के आधार पर जोड़ दिए गए। हालांकि, इसी दौरान चुनावालय के अधिकारियों ने बताया कि सभी के नाम जोड़ दिए गए हैं।
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