अब देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदियां होंगी साफ-सुथरी
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से नमामि गंगे परियोजना के तहत रिस्पना और बिंदाल नदियों के संरक्षण के लिए 60 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। अब यह साफ सुथरी होंगी।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकी देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदियों को पुनर्जीवन देने के राज्य सरकार के प्रयासों को केंद्र सरकार ने भी संबल दिया है। इस कड़ी में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से नमामि गंगे परियोजना के तहत इन नदियों के संरक्षण के लिए 60 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इससे इन नदियों में गिर रहे 117 नालों और 2107 घरों की गंदगी को टैप कर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल पर दून की रिस्पना (ऋषिपर्णा) व बिंदाल नदियों को पुनर्जीवन देने के प्रयास शुरू किए गए हैं। इस क्रम में मुख्यमंत्री रावत ने कुछ माह पहले केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर 'रिस्पना से ऋषिपर्णा' कार्यक्रम की ओर उनका ध्यान दिलाया। उन्होंने इन नदियों में सीधे गिर रहे गंदे नालों को टैप कर इन्हें एसटीपी से जोड़ने के मद्देनजर केंद्र से सहायता का अनुरोध किया था।
इस क्रम में अब राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत नमामि गंगे परियोजना में इन नदियों के संरक्षण के लिए 60 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। नमामि गंगे के कार्यक्रम निदेशक निदेशक डॉ.राघव लंगर ने बताया कि नमामि गंगे में स्वीकृत राशि का उपयोग रिस्पना व बिंदाल में गिर रहे 117 गंदे नालों और 2107 घरों से इन नदियों में सीधे बहाये जा रहे गंदे नालों को टैप कर एसटीपी से जोड़ा जाएगा। इसके लिए एक एमएलडी क्षमता के नए एसटीपी का निर्माण किया जाएगा। यह सभी कार्य राज्य में नमामि गंगे की कार्यदायी संस्था उत्तराखंड पेयजल निगम के माध्यम से कराए जाएंगे।
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