नमामि गंगे परियोजना: अगले सात माह में पूरे हो जाएंगे सभी काम, पढ़िए पूरी खबर
प्रदेश में चल रही नमामि गंगे परियोजना के काम अब मंजिल की तरफ बढ़ रहे हैं। यहां समा रही गंदगी के निस्तारण समेत अन्य सभी काम अगले सात माह में पूरे हो जाएंगे।
By Edited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 08:35 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 02:44 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता के उद्देश्य से प्रदेश में चल रही नमामि गंगे परियोजना के काम अब मंजिल की तरफ बढ़ रहे हैं। गंगा में समा रही गंदगी के निस्तारण के मद्देनजर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और गंदे नालों की टैपिंग से संबंधित सभी काम अगले सात माह में पूरे हो जाएंगे। कार्यदायी संस्थाओं की ओर से शासन को मुहैया कराई गई रिपोर्ट में यह बात कही गई है। हालांकि, शासन ने उन्हें निर्देश दिए हैं कि उच्च गुणवत्ता के साथ कार्यों में तेजी लाई जाए।
अपने उद्गम स्थल गोमुख से लेकर हरिद्वार तक 405 किलोमीटर का सफर तय करने वाली गंगा नदी को अपने किनारे बसे 15 शहरों और 132 गांवों से जूझना पड़ रहा है। इनसे निकलने वाले सीवरेज और कूड़ा-कचरे ने गंगा के आंचल को मैला करने में कसर नहीं छोड़ी। इसे देखते हुए राज्य में गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के उद्देश्य से वर्ष 2017 से नमामि गंगे परियोजना की शुरुआत की गई। इसमें मुख्य फोकस एसटीपी के निर्माण और पूर्व में बने एसटीपी में क्षमता वृद्धि के साथ ही गंगा में गिर रहे गंदे नालों की टैपिंग पर किया गया है। अब ये काम मंजिल की तरफ बढ़ने लगे हैं। गंगा स्वच्छता के लिए 33 प्रोजेक्ट में से 13 तो पहले ही नेशनल गंगा रिवर बेसिन ऑथोरिटी के तहत पूरे हो चुके थे। नमामि गंगे में वर्तमान में 19 प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
कार्यदायी संस्थाओं पेयजल निगम, सिंचाई विभाग, वेबकास, नगर निगम हरिद्वार की ओर से शासन को मुहैया कराई गई प्रगति रिपोर्ट पर गौर करें तो अब तक नौ प्रोजेक्ट पूर्ण हो गए हैं। बताया गया है कि छह प्रोजेक्ट का कार्य इस साल दिसंबर तक पूरा करा लिया जाएगा, जबकि दो अगले साल फरवरी और एक मार्च तक पूरा हो पाएगा। अपर सचिव उदयराज सिंह के अनुसार कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे निर्माण कार्यों को तय समय पर पूरा कराने के लिए तेजी से कदम बढ़ाएं। साथ ही इसमें गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नमामि गंगे के कार्यों की मॉनीटरिंग भी शुरू की जा रही है।
ये हैं मुख्य प्रोजेक्ट
-गंगा से लगे शहरों में एसटीपी का निर्माण
-गंगा में गिरने वाले गंदे नालों की टैपिंग
-गंगा किनारे के पुराने घाटों का जीर्णोद्धार
-स्नान घाट और श्मशान घाटों का निर्माण
-विशेष मशीनों से सतह की सफाई
-विभिन्न संगठनों और संस्थाओं की मदद से जनजागरूकता
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