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उत्तराखंड में मानसून की दस्तक पर भी बेफिक्र नगर निगम Dehradun News

मानसून दस्तक दे चुका है और नगर निगम नींद में है। 60 से अधिक बड़े नालों की सफाई को नाला गैंग कहीं नजर नहीं आ रहा न नालियों की नियमित रूप से सफाई हो रही।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 12:46 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 12:46 PM (IST)
उत्तराखंड में मानसून की दस्तक पर भी बेफिक्र नगर निगम Dehradun News
उत्तराखंड में मानसून की दस्तक पर भी बेफिक्र नगर निगम Dehradun News

देहरादून, अंकुर अग्रवाल। मानसून दस्तक दे चुका है और नगर निगम नींद में है। वह भी तब, जब दो हफ्ते पहले हुई बरसात के दौरान जलभराव को देखकर निगम ने हालात से निबटने को लेकर वायदों की झड़ी लगाई थी। शहरभर के 60 से अधिक बड़े नालों की सफाई को लगाया गया नाला गैंग कहीं नजर नहीं आ रहा, न नालियों की नियमित रूप से सफाई हो रही। नतीजतन, हल्की बारिश में नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहने लगता है। 

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दून में हुई बारिश से सड़कों पर बहते रहे गंदे पानी के हालात भी इससे जुदा नहीं हैं। रही-सही कसर निर्माण कार्यों के लिए खोदी गई सड़कों ने पूरी कर दी। मौसम विभाग तीन जुलाई से भारी वर्षा की संभावना जता रहा है। ऐसे में लोगों की जुबां पर एक ही सवाल है कि जब अभी ये हाल तो बारिश की झड़ी लगने पर शहर का हाल क्या होगा।

गनीमत ये है कि इस बार मानसून अपने निर्धारित समय से करीब एक माह की देरी से उत्तराखंड पहुंचा। अभी मानसूनी बारिश की झड़ी नहीं लगी है, केवल दो-तीन दफा बरसात पड़ी है, लेकिन इन दो-तीन दफा में ही मानो शहर पर आफत टूट पड़ी। 

शहर में कहीं जलभराव ने निकलना मुश्किल किया तो कहीं कचरे से अटी नालियां ओवरफ्लो होने से सड़कें नालों में तब्दील हो गई। फिर चाहे वह राजीवनगर, निरंजनपुर, प्रिंस चौक हो या राजा रोड अथवा दूसरे इलाके। सभी जगह दावे व वायदे बेनकाब होते नजर आ रहे थे। बता दें कि हमेशा की तरह इस बार भी मानसून के आने से पहले नगर निगम ने वायदों की झड़ी लगा दी थी। 

नाला गैंग को बरसातभर सक्रिय रखने एवं गैंग में कर्मियों की संख्या बढ़ाने की बात हुई, लेकिन नाला गैंग नजर नहीं आता। नाले अभी तक चोक हैं तो नालियां भी गंदगी से अटी पड़ी हैं। 

जलभराव की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करने की बात भी कही गई। ऐसे और भी वायदे हुए, लेकिन शहर के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। यही नहीं, अधिकारी दफ्तरों से बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में लोग पीड़ा बयां करें तो किससे।

ये हुए थे वायदे

-शहर में बरसात से पहले नालों की सफाई

-मानसून में नाला गैंग लगातार रहेगा सक्रिय

-नालों, नालियों की सफाई को अतिरिक्त टीमें लगेंगी

-मुख्य चौराहों व सड़कों पर पहले किए जाएंगे कार्य

वायदों की हकीकत

-मानसून दस्तक दे चुका पर है, पर शुरू नहीं हुई नालों की सफाई

-नाला गैंग कहां है, किसी को नहीं मालूम

-अतिरिक्त तो दूर, मौजूदा भी नहीं सक्रिय

-बारिश होते ही प्रमुख चौराहों पर भर जाता है पानी

ये हैं हालात

राजा रोड: नालियां कचरे के साथ ही गोबर से अटी हैं। बारिश शुरू हुई नहीं कि अवरुद्ध नालियां ओवरफ्लो होकर गंदगी सड़क पर उड़ेल देती हैं। इसका पूरा असर प्रिंस चौक तक नजर आता है और गोबर का गंदा पानी प्रिंस चौक से गांधी रोड व त्यागी रोड की सड़क तक बहता है। यही नजारा रविवार को भी दिखा।

कचहरी: जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर की नाली पूरी तरह चोक है। कचरा नाली से बाहर निकल सड़क पर बह रहा है। इससे उठती दुर्गध ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।

विधानसभा के निकट: विधानसभा के पास का क्षेत्र भी जलभराव की समस्या से हलकान है। विस के नजदीक राजीवनगर स्कूल के पास नालियां अवरुद्ध होने से सड़क तालाब बन गई।

निरंजनपुर मंडी: हल्की सी बरसात होने पर बाहर की सड़क तालाब बन जाती है। सड़क से लगी नालियां भी चोक हैं। यही नहीं, मंडी के अंदर की सड़ी-गली फल व सब्जियां मुसीबत का सबब बन रहा है।

आइएसबीटी: फ्लाइओवर बनने के बाद यहां दोनों तरफ की नाली पर ढक्कन रख दिए गए। पिटकुल दफ्तर की तरफ वाली नाली चोक है। हरिद्वार रोड की तरफ नया फ्लाइओवर बनने से वहां की नाली मिट्टी व कचरे से भरी पड़ी है। यहां रविवार को चारों तरफ तालाब की स्थिति रही। 

यहां भी जलभराव की दिक्कत

रेलवे स्टेशन, अग्रवाल धर्मशाला, प्रिंस चौक, माजरा, शिमला बाइपास, देहराखास, आइएसबीटी, टर्नर रोड, सुभाषनगर, संजय कालोनी, बंगाली कोठी, पटेलनगर, डीएल रोड, डालनवाला, हरबंसवाला आदि।

निकालना होगा स्थाई हल

महापौर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि सफाई ही अकेला फैक्टर नहीं कहा जा सकता। अनियोजित विकास इसका सबसे बड़ा कारण है। पिछली कांग्रेस सरकार की ओर से ड्रेनेज का मास्टर प्लान तैयार होने के बावजूद उसकी अनदेखी की गई। यही वजह है कि शहर में कुछ जगह जलभराव की समस्या होती है। निगम अकेला सभी व्यवस्था ठीक नहीं कर सकता। जिम्मेदार सभी विभागों को एकसाथ बैठकर इसका स्थायी हल निकालना होगा।

दिए गए हैं निर्देश   

जिलाधिकारी देहरादून सी रविशंकर के अनुसार, शहर में नाला व नालियों की सफाई के लिए नगर निगम को पूरी मुस्तैदी से काम करने को कहा गया है। उन क्षेत्रों में दिक्कतें ज्यादा आ रही हैं, जहां एडीबी या लोनिवि ने सड़कें खोदी हैं। वहां तुरंत कार्य बंद कर सड़क पर रोड़ी बिछाकर रोलर चलाने का कार्य कराया जाएगा।

आंतरिक सड़कों पर बने गड्ढों की मरम्मत के निर्देश सभी डिविजन को दिए गए हैं। विभिन्न योजनाओं का काम चलने से कुछ सड़कों पर गड्ढे ज्यादा है। बरसात से पहले इन गड्ढों की मरम्मत कराई जाएगी। जगमोहन सिंह चौहान, प्रभारी अधीक्षण अभियंता, लोनिवि शहर में गड्ढे और नालियों की निकासी को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। 

डीएम के अनुसार, लोनिवि के इंजीनियरों को निर्देश दिए गए कि इस कार्य में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। बजट की कोई कमी नहीं है। बरसात से पहले सभी गड्ढे ठीक कराने के प्रयास किए जाएंगे।  

बारिश से पहले खुली सड़कों की गुणवत्ता की पोल

शहर में लाखों रुपये से बनी आंतरिक सड़कों की पोल बारिश ने खोल दी है। अभी मानसून शुरुआती दौर में हैं, मगर गली और मोहल्ले को जोड़ने वाली सड़कों पर पड़े गड्ढे दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। इनमें भी कई ऐसी सड़कें हैं, जिन पर लोनिवि, नगर निगम, एमडीडीए आदि विभागों ने हाल ही में अच्छा खासा बजट खर्च किया था। 

इसके अलावा सीवर लाइन, पेयजल लाइन और नालियों के लिए खोदी गई सड़कें भी मरम्मत के इंतजार में हैं। कहने के लिए तो दून राजधानी है, लेकिन सड़कों की हालत गांव और कस्बों से भी बदतर हैं। यहां मुख्य सड़कों को छोड़ दें तो आंतरिक सड़कों की स्थिति भी ठीक नहीं है। कॉलोनी को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों पर नजर डालें तो इन पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं। 

बारिश शुरू हुई तो सड़क की गुणवत्ता की पोल खुलने लगी हैं। इससे सड़कों पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी सुरक्षित नहीं है। हद तो यह है कि एक से डेढ़ साल पहले जो सड़कें लाखों रुपये के बजट से तैयार की गई थी, उसमें पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। बारिश से सड़क की पेटिंग उधड़ने लगी हैं। नालियों में पानी की निकासी न होने से सड़क में तालाब बन रहे हैं। 

सबसे ज्यादा स्थिति क्लेमेनटाउन के टर्नर रोड, सुभाष रोड इलाके की है। यहां सीवर लाइन और अमृत पेयजल योजना के लिए खोदी गई सड़क दुर्घटना को न्योता दे रही है। इसी तरह चद्रंबनी और जीएमएस रोड से लगी आंतरिक सड़कों पर भी जगह-जगह गड्ढे उभर गए हैं। यहां बारिश के दौरान सड़कों पर पानी और धूप खिलने पर धूल से स्थानीय लोग परेशान हैं। 

शहर के पॉश इलाका डालनवाला के इंदर रोड, संजय कॉलोनी, रायपुर रोड में भी गड्ढों की भरमार है। पलटन बाजार, धामावाला के संपर्क मार्ग, खुड़बुड़ा, त्यागी रोड की सड़के भी जर्जर स्थिति में है। बावजूद इसके लोनिवि, नगर निगम और एमडीडीए इन सड़कों की सुध नहीं ले रहा है। 

मेन होल की स्वयं की मरम्मत 

जीएमएस रोड से लगी इंदिरापुरम कॉलोनी में सड़कों की हालात बेहद खराब है। यहां शिकायत के बाद भी विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। न्यायिक सेवा से सेवानिवृत्त हुए पीसी अग्रवाल ने बताया कि सड़क पर दुर्घटना को न्योता दे रहे सीवर के गड्ढे पर उन्होंने स्वयं ढक्कन लगाने के साथ मरम्मत कराई। 

उन्होंने कहा कि इस कॉलोनी में अभी भी कई गड्ढे और नालियां दुर्घटना को न्योता दे रही हैं। यहां सबसे ज्यादा गड्ढे टर्नर रोड, सुभाष रोड, चंद्रबनी, जीएमएस रोड से लगी इंदिरापुरम एमडीडीए कॉलोनी, कांवली रोड, खुड़बुड़ा, त्यागी रोड, रेस्ट कैंप, कारगी रोड, बंजारावाला, मोथरोवाला, दून यूनिवर्सिटी रोड, नहर वाली रोड, रायपुर रोड, संजय कॉलोनी, सर्वे चौक आदि से लगी आंतरिक सड़कों पर कई जगह गड्ढे बने हुए हैं।

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