एमवी एक्ट की नई धाराओं में नई दरों से ही जुर्माना, कोर्ट में भुगताना होगा चालान
प्रदेश में संशोधित मोटर व्हीकल (एमवी) एक्ट लागू होने के बाद इसमें शामिल की गई नई धाराओं पर नए जु़र्माने के अनुसार ही चालान काटा जाएगा। फिलहाल चालान कोर्ट में भुगतना होगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में संशोधित मोटर व्हीकल (एमवी) एक्ट लागू होने के बाद इसमें शामिल की गई नई धाराओं पर नए जु़र्माने के अनुसार ही चालान काटा जाएगा। जो धाराएं पहले से चली आ रही हैं उन पर तब तक पुरानी दरों से कंपाउंडिंग की जाएगी, जब तक शासन नई दरें तय नहीं कर देता। हालांकि, नई धाराओं पर चालान कटने के कारण वाहन चालकों को कोर्ट में ही इसे भुगतना पड़ेगा।
प्रदेश में रविवार से पूरे देश के साथ ही संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू हो गया है। केंद्र ने सबसे पहले इसमें जुर्माने के प्रावधानों को लागू किया है। एमवी एक्ट में इस बार जुर्माने की कई धाराओं को बढ़ाया गया है। अब राज्य सरकार को इन धाराओं में केंद्र द्वारा तय जुर्माने की राशि के सापेक्ष कंपाउंडिंग शुल्क तय करना है। यानी जिस भी धारा में चालान काटा जाएगा उसे विभाग में ही निर्धारित शुल्क देकर निस्तारित कर दिया जाएगा। इसके लिए यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले को कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा।
प्रदेश में संशोधित एक्ट में निर्धारित जुर्माना राशि के सापेक्ष अभी कंपाउंडिंग शुल्क तय नहीं किया गया है। इस कारण जिन धाराओं पर पुरानी व्यवस्था के आधार पर कंपाउंडिंग शुल्क तय है वही लिया जाएगा। नई धाराओं के लिए कंपाउंडिंग शुल्क की व्यवस्था न होने के कारण इन धाराओं में काटा गया चालान सीधे कोर्ट जाएगा।
इस तरह के मामले जाएंगे कोर्ट
धारा 194 (डी)- हेल्मेट न पहनना और न पहनने के लिए उकसाना। इस धारा में एक हजार रुपये का चालान और तीन माह तक के लिए लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है।
धारा 194 (ई)- वाहन चालक द्वारा एंबुलेंस व फायर आदि आवश्यक सेवाओं को साइड न देना। इस धारा में 10 हजार रुपये का जुर्माना रखा गया है।
धारा 194 (एफ)- निर्धारित मानकों के विपरीत हॉर्न और साइलेंसर का प्रयोग करना। इस धारा के तहत एक हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
धारा 192 (एफ) - बिना परमिट के वाहन चलाना। इस धारा के तहत दस हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
धारा 182 (ए) (एक से चार) - बिना अनुमति के वाहनों के निर्धारित बनावट से छेड़छाड़। इस धारा के तहत निर्माता और डीलर पर एक-एक लाख का जुर्माना और वाहन स्वामी पर पांच हजार रुपये जुर्माना रखा गया है।
धारा 183 (1) (दो) - सड़कों पर आपस में रेसिंग करते हुए तेजी से वाहन चलाना। इस धारा के उल्लंघन पर दो हजार से चार हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
धारा 199 (ए) - नाबालिग का वाहन चलाना। इस धारा के उल्लंघन पर 25 हजार का जुर्माना और तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है।
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दरें तय होने तक कोर्ट में होगा निस्तारण
परिवहन सचिव शैलेश बगोली के अनुसार, प्रदेश में नया एमवी एक्ट लागू हो गया है। जिन धाराओं पर पहले से कंपाउंडिंग शुल्क तय नहीं है, उन पर नई दरों से ही जुर्माना लगाया जाएगा। कंपाउंडिंग की नई दरें तय होने तक ऐसे मामलों का निस्तारण कोर्ट करेगा।
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