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औंधे मुंह गिरा सीएम की छवि धूमिल करने का कांग्रेसी षड्यंत्र : मुन्ना

मुन्ना सिंह चौहान ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अपनी जमीन खिसकती देख कांग्रेस सरकार पर अनर्गल बयानबाजी कर रही है। चौहान का कहना है कि विपक्ष का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर निशाना साधना उसकी बौखलाहट का ही नतीजा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 04:35 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 04:35 PM (IST)
औंधे मुंह गिरा सीएम की छवि धूमिल करने का कांग्रेसी षड्यंत्र : मुन्ना
अपनी जमीन खिसकती देख पार्टी कर रही अनर्गल बयानबाजी।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। मुख्यमंत्री ने सत्ता गलियारों से 'पावर ब्रोकर्स' का सफाया किया। नतीजतन, हताश व निराश कुछ व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री के विरुद्ध तमाम तरह के षडयंत्रों को रचने का प्रयास किया। ताजा प्रकरण में भी वही व्यक्ति याचिकाकर्ता था, जिसने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग किया था। कांग्रेस ने उसे जिस प्रकार से महिमांडित किया, उससे साफ है कि कांग्रेस ने स्टिंग के एवज में समझौता कर मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने का ये प्रयास किया, जो औंधे मुंह गिरा।

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प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार भ्रष्टाचार पर प्रहार कर रहे हैं। फिर चाहे वह पांच सौ करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला हो, एनएच-74 मुआवजा घोटाला, यूपीसीएल व लोनिवि का मामला, सभी में तेजी से कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसी को कोई राहत नहीं दी।पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पिथौरागढ़ में आपदा राहत पर सवाल उठाने संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हरीश रावत के कार्यकाल में भवन ध्वस्त होने पर एक लाख 1900 रुपये का मुआवजा देय था। 

पिथौरागढ़ की आपदा की व्यापकता को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह राशि चार लाख रुपये कर दी। तीक्ष्ण क्षति में भी राशि तीन गुना की गई। आपदा में मृत व्यक्तियों के स्वजनों को पांच लाख की राशि दी गई। पिथौरागढ़ में 3.88 करोड़ की राहत राशि बांटी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ के राहत कैंपों से ज्यादातर व्यक्ति भवन निर्माण के मद्देनजर अपने सगे संबंधियों के पास स्वेच्छा से गए। वर्तमान में सात-आठ परिवार कैंपों में हैं। उनसे पूछा गया है कि क्या वे भी ऐसा करना चाहते हैं। जो लोग जाना चाहते हैं कि उन्हें छह माह तक चार हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से किराया दिया जाएगा। 

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उन्होंने कहा कि नेपाल से सटी सीमा पर काली नदी के किनारे सुरक्षा कार्य की मुख्यमंत्री 18 सितंबर को घोषणा कर चुके हैं। इसकी डीपीआर बन रही है। केंद्र के स्तर पर भी कुछ कार्य विचाराधीन हैं। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से श्रम मंत्री को हटाने के मामले में उन्होंने कहा कि इसमें मुख्यमंत्री का निर्णय अंतिम है। 

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