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अधिकारियों को देख मटन शॉप के शटर गिरे

नगर निगम क्षेत्र में स्लाटर हाउस में मीट और चिकन कटने के बाद ही दुकानों में बेचे जाने के आदेश खाद्य सुरक्षा विभाग ने जारी किए थे। नगर निगम और खाद्य सुरक्षा की टीम ने बुधवार को मीट मार्केट सहित आसपास क्षेत्र में इस तरह की दुकानों पर छापेमारी की। इस दौरान सभी व्यापारी अपनी दुकानें बंद करके चले गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 06:13 AM (IST)
अधिकारियों को देख मटन शॉप के शटर गिरे
अधिकारियों को देख मटन शॉप के शटर गिरे

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश :

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नगर निगम क्षेत्र में स्लाटर हाउस में मीट और चिकन कटने के बाद ही दुकानों में बेचे जाने के आदेश खाद्य सुरक्षा विभाग ने जारी किए थे। नगर निगम और खाद्य सुरक्षा की टीम ने बुधवार को मीट मार्केट सहित आसपास क्षेत्र में इस तरह की दुकानों पर छापेमारी की। इस दौरान सभी व्यापारी अपनी दुकानें बंद करके चले गए।

नगर निगम के सफाई निरीक्षक सचिन रावत ने बताया कि हाईकोर्ट ने मांस विक्रेताओं के लिए यह आदेश जारी किए हैं कि स्लाटर हाउस में कटा हुआ मांस ही दुकानों में बिक्री किया जाएगा। जिस पर खाद्य सुरक्षा विभाग की मोहर लगी होगी। तीन दिन पूर्व सभी विक्रेताओं को यह व्यवस्था करने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए थे। मगर, अब भी दुकानों के भीतर ही मुर्गे और बकरे काटे जा रहे हैं। नालियों में इनका खून बहाया जा रहा है। सफाई निरीक्षक सचिन रावत के साथ खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय तिवारी आदि की टीम ने इंदिरा नगर स्थित मीट मार्केट में छापा मारा। टीम की आने की सूचना से ही दुकानदारों ने दुकानें बंद कर दी। आइडीपीएल, शिवाजी नगर और आसपास क्षेत्र में भी नगर निगम की टीम इस तरह की दुकानों की जांच कर रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक जब तक यह व्यवस्था लागू नहीं होती है तो दुकानों में मांस की बिक्री नहीं होने दी जाएगी। टीम के जाने के कुछ देर बाद कुछ दुकानों के शटर आधे खुल गए थे। क्षेत्र में करीब 50 इस तरह की दुकानें हैं। इन दुकानदारों का कहना है कि क्षेत्र में स्लाटर हाउस नहीं है सिर्फ देहरादून में है। अगर स्लाटर हाउस की व्यवस्था ही नहीं होगी तो अधिकारियों के आदेश का कैसे पालन हो पाएगा।

रायवाला में खुले में बिक रहा मांस

रायवाला : रायवाला बाजार में चल रही मांस की दुकानों में कहां से मांस आ रहा है या कैसे जानवर को काटा जा रहा है, इसकी जानकारी न तो लोगों को होती है और और न ही स्थानीय प्रशासन को। संबंधित विभाग भी इस ओर बेपरवाह बना हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र के बाजार में बिना जांच के मांस बेचा जा रहा है। मांस विक्रेता अपने घर या दुकान के पास खाली पड़ी जगहों में पशुओं को काटकर उनका मांस दुकानों तक पहुंचा देते हैं। नियमों के लागू न होने व बाइलॉज के अभाव में खुले में जानवरों के कटने से गंदगी तो फैलती ही है, साथ ही यह सुनिश्चित नहीं होता कि जिस जानवर का मांस बिक रहा है वह स्वस्थ था भी या नहीं। मांस की दुकानों के आसपास उठने वाली दुर्गन्ध ने भी लोगों को परेशान करती है। मीट की बिक्री के लिए कड़े नियम अवश्य बनाए गए हैं पर उनका खुला उल्लंघन हो रहा है़। नियमानुसार सड़क से दुकान के अंदर की गतिविधि दिखाई नहीं देनी चाहिए और मांस भी खुले में नजर नहीं आना चाहिये। साथ ही औजारों को विसंक्रमित करने के बाद ही जानवरों काटा जाना चाहिए, ताकि किसी प्रकार का संक्रमण न हो। - हरीश तिवारी


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