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यमुना को प्रदूषित कर रही नगर पालिका

विकासनगर नगर पालिका यमुना के किनारे ही कूड़ा जला रही है। वैज्ञानिक विवि से कूड़े का निस्तारण करने की बजाय कूड़े जलाकर नदी और वायु प्रदूषित करी जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 07:24 PM (IST)
यमुना को प्रदूषित कर रही नगर पालिका
यमुना को प्रदूषित कर रही नगर पालिका

संवाद सहयोगी, विकासनगर: केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही गंगा, यमुना व अन्य सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त कर निर्मल बनाने के लिए योजनाएं चला रही हों। लेकिन, पछवादून में सरकारी संस्थान ही इन योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। अब विकासनगर नगर पालिका का ही हाल देख लीजिए। नगर पालिका प्रशासन ने जीवनदायिनी मानी जाने वाली यमुना नदी को प्रदूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पालिका प्रशासन नगर का कूड़ा यमुना नदी किनारे ट्रे¨चग ग्राउंड में वैज्ञानिक विधि से निस्तारण करने के बजाय उसे आग के हवाले कर रहा है। जिससे जलीय पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ ही वायु प्रदूषण हो रहा है।

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नगर क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के लिए शासन ने यमुना किनारे डाकपत्थर खादर में जगह मुहैया कराई। इसके लिए पालिका प्रशासन ने पिछले साल यहां बसी बस्ती को उजाड़कर कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की बात कही थी। लेकिन, पालिका प्रशासन अभी कूड़ा निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं करा पाया है। लिहाजा यहां कूड़े के ढेर को आग के हवाले कर दिया जाता है। इससे यमुना में प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है। जबकि पछवादून के आधे से अधिक क्षेत्र में पेयजल व ¨सचाई का प्रमुख स्त्रोत होने के साथ ही यमुना को पूरे राष्ट्र के लिए जीवनदायिनी माना जाता है। यह आलम तब है, जबकि केंद्र व प्रदेश सरकार नदियों को निर्मल बनाने के लिए बड़े जोर-शोर से अभियान चला रही हैं।

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नगर पालिका प्रशासन द्वारा कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था शीघ्र कर दी जाएगी। नदी किनारे कूड़े के ढेर में आग पालिका कर्मियों द्वारा नहीं आसामाजिक तत्वों द्वारा लगाई जा रही है। शीघ्र ही कूड़े को गड्ढों में डंप करने की व्यवस्था की जाएगी।

बीएल आर्य अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका विकासनगर।

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खुले में कूड़ा जलाने से होने वाले नुकसान

विकासनगर: अमेरिका के कॉलरेडो विश्वविद्यालय के ताजा शोध के अनुसार जलते कूड़े का धुआं ना केवल हवा में जहर घोल रहा है, बल्कि बीमारियां भी बढ़ा रहा है। शोध में कूड़ा जलाए जाने के कारण कार्बन डाईऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों की मात्रा बढ़ती है। इसके साथ ही पारे व हवा में साथ ही पारे और हवा में कई ऐसे जहरीले सूक्ष्म कण (पार्टिकुलेट मैटर) पैदा हो जाते हैं जो सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।

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प्रतिबंधित है खुले में कूड़ा जलाना

विकासनगर: राष्ट्रीय हरित विकास प्राधिकरण ने खुले में कूड़ा जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है। आदेश की अवहेलना करने पर पांच हजार जुर्माने का प्रावधान है। एनजीटी के अनुसार खुले में कूड़ा जलाने से वायु प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 29.4 प्रतिशत है। खुले में कूड़ा जलाना कैंसर का भी कारण बनता है। एनजीटी के अनुसार खुले में कूड़ा जलाने पर इसकी शिकायत निकाय प्रशासन व पुलिस से की जानी चाहिए। लेकिन, यहां निकाय प्रशासन खुद ही नियम तोड़ रहा है। एनजीटी के आदेश के अनुसार खुले में कूड़ा जलाने के दोषी को प्रदूषक भुगतान करता है' के तहत एनजीटी कानून-2010 की धारा-15 के तहत जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। जुर्माना नहीं दिए जाने पर संबंधित अधिकारी दोषी को न्यायाधिकरण के समक्ष पेश होने के आदेश जारी कर सकता है।


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