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इस सीजन भी मसूरी में मल्टीलेवल पार्किंग के आसार नहीं Dehradun News

पर्यटन विभाग के बजट से वर्ष 2015 में मसूरी के किंक्रेग में पांच मंजिला मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण शुरू जरूर किया गया था लेकिन निर्माण पूरा होने की उम्मीद कम है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 03:22 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 03:22 PM (IST)
इस सीजन भी मसूरी में मल्टीलेवल पार्किंग के आसार नहीं Dehradun News
इस सीजन भी मसूरी में मल्टीलेवल पार्किंग के आसार नहीं Dehradun News

देहरादून, सुमन सेमवाल। पर्यटन सीजन में पहाड़ों की रानी मसूरी देश-विदेश के सैलानियों से पूरी तरह पैक रहती है। बाहर से आने वाले पर्यटकों को सबसे अधिक परेशानी पार्किंग को लेकर उठानी पड़ती है। राज्य गठन से लेकर अब तक पर्यटकों की संख्या में करीब साढ़े तीन गुना का इजाफा हो गया है और अब तक हम एक अदद कार पार्किंग भी मुहैया नहीं करा पाए हैं। कुछ इसी मकसद से पर्यटन विभाग के बजट से वर्ष 2015 में किंक्रेग में पांच मंजिला मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण शुरू जरूर किया गया था, मगर काम की लचर रफ्तार यह है कि चार पांच साल में भी कार पार्किंग का निर्माण पूरा होने की उम्मीद दूर की कौड़ी नजर आ रही है।

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मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण कायदे से जून 2017 तक पूरा कर दिया जाना चाहिए था, जबकि इस डेडलाइन तक पार्किंग का काम भी ढंग से शुरू भी नहीं हो पाया था। इसके बाद कार्यदायी संस्था लोनिवि प्रांतीय खंड ने निर्माण कंपनी को जुलाई 2018 की दूसरी डेडलाइन तय की। जब यह डेडलाइन बीतने को थी, तब जाकर जमीन पर कुछ ढांचानुमा चीज दिखाई दी। तब अधिकारी कह रहे थे कि वर्ष 2019 के पर्यटन सीजन तक सैलानियों को पार्किंग का लाभ मिलने लगेगा, मगर यह उम्मीद भी परवान नहीं चढ़ पाई। फिर लोनिवि ने काम पूरा करने के लिए तीसरी डेडलाइन तय की।

अब 2020 के पर्यटन सीजन को शुरू होने में महज एक माह का समय शेष है और सिर्फ चार मंजिल का ढांचा ही खड़ा हो पाया है। इसकी छत भी बुधवार को डाली गई। इसके बाद एक मंजिल का निर्माण और होगा, साथ ही लोहे के कॉलम व अन्य काम किए जाएंगे। ऐसे में स्पष्ट है कि अभी भी तीन से चार माह का काम और शेष है।  

शुरुआत से ही होती रही हीलाहवाली

पार्किंग के लिए अक्टूबर 2015 में टेंडर आमंत्रित किए गए थे। इसका जिम्मा फरीदाबाद, हरियाणा की कंपनी ऋचा इंडस्ट्रीज को सौंपा गया था। समय पर काम शुरू न कर पाने पर लोनिवि ने ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी भी शुरू कर दी थी। तब मुख्य अभियंता स्तर-प्रथम कार्यालय ने ठेकेदार को एक और मौका देते हुए पांच जुलाई 2019 तक काम पूरा करने को कहा था। ठेकेदार को बेशक एक अवसर और मिल गया, मगर काम की रफ्तार तब भी नहीं बढ़ पाई। इसकी बड़ी वजह रही गलत डिजाइन। कंसल्टेंट ने जो डिजाइन तैयार किया था, वह तकनीकी रूप से ठीक नहीं था। इसके बाद आइआइटी रुड़की से नया डिजाइन तैयार कराया गया और इसी के अनुरूप डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में भी संशोधन किया गया।

मल्टीलेवल पार्किंग पर एक नजर

  • कुल मंजिल-----------पांच
  • कार पार्किंग----------212 कारों के लिए
  • काम शुरू----------अक्टूबर-नवंबर 2015
  • लागत-------------------31.78 करोड़ रुपये
  • अब तक खर्च----------करीब 11 करोड़ रुपये।
  • पहली डेडलाइन-----------पांच जून 2017
  • अब तक भुगतान--------15 करोड़ रुपये
  • डेडलाइन बढ़ाई----------सात जुलाई 2018
  • अब डेडलाइन-----------29 जुलाई 2019
  • तीसरी डेडलाइन--------31 मार्च 2020
  • कार्य प्रगति-----------75-80 फीसद
  • काम पूरा करने की संभावित तिथि, अभी तक अस्पष्ट 

30 लाख के करीब पहुंचा पर्यटकों का आंकड़ा

वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य के गठन के दौरान पर्यटन विभाग ने मसूरी में पर्यटकों की संख्या करीब साढ़े आठ लाख आंकी थी। यह आंकड़ा अब बढ़कर 30 लाख के करीब पहुंच गया है। वर्ष 2018 में ही मसूरी में 28.75 लाख पर्यटकों की आमदगी रिकॉर्ड की गई थी। इस लिहाज से देखें तो पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा होने के बाद भी विभाग ढांचागत संसाधन जुटाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

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मसूरी पैक होने पर दून में पड़ता है असर

जब मसूरी पर्यटकों से पैक हो जाती है और वहां पर्याप्त पार्किंग व अन्य संसाधन नहीं मिलते हैं तो उसका सीधा असर दून में भी दिखाई देता है। कई दफा पुलिस पर्यटकों को दून के पास ही रोक लेती है। ऐसे में न सिर्फ दून की सड़कें भी जाम हो जाती हैं, बल्कि यहां के होटलों में भी मारामारी की स्थिति पैदा हो जाती है।

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