अंतरिम बजट से एमएसएमई सेक्टर को मिल सकती है मजबूती
उत्तराखंड के एमएसएमई सेक्टर को केंद्रीय अंतरिम बजट से उम्मीद जगी है। बजट में किसानों के साथ ही मध्यम वर्ग और छोटे उद्योगों का भी ध्यान रखा गया है।
देहरादून, जेएनएन। केंद्रीय अंतरिम बजट से उत्तराखंड के एमएसएमई सेक्टर में उम्मीद जगी है। कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने बजट प्रस्तुत करते हुए किसानों, मध्यम वर्ग के साथ छोटे उद्योगों का भी ध्यान रखा। जीएसटी में पंजीकृत एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों को एक करोड़ रुपये के ऋण में दो फीसद सब्सिडी देने का प्रावधान है। जबकि पांच करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले उद्योगों को प्रतिमाह के बजाए तीन माह (क्वार्टर) में रिटर्न भरने की सुविधा मिल सकती है। इसके अलावा एक से दो वर्ष के भीतर आयकर के ऐससमेंट ऑर्डर की प्रति 24 घंटे के भीतर मिलने से उद्योगपतियों को बड़ी राहत मिलेगी। अंतरिम बजट पर राज्य के औद्योगिक संगठनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के निदेशक अनिल तनेजा ने बताया कि बजट सराहनीय है। सरकार ने दिशात्मक और समग्र दृष्टिकोण के साथ एक व्यापक स्पेक्ट्रम वाला अंतरिम बजट पेश किया है। बजट में पूंजीगत लाभ में राहत, कर बचत के लिए प्रोत्साहन व सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एमएसएमई सेक्टर के लिए एक करोड़ तक के ऋण पर दो फीसद ब्याज व्यापार करने में सुगमता प्रदान करेगा। बजट की दृष्टि के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों को मजबूत किया गया है।
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता कहते हैं कि अंतरिम बजट संतुलित है और इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। बजट से एमएसएमई सेक्टर व लघु उद्योगों की उम्मीद जगी है। आयकर छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख करने का सीधा लाभ उत्तराखंड के एक लाख से अधिक कुटीर व लघु उद्योगों को मिलेगा। लघु उद्योग यदि रफ्तार पकड़ते हैं तो इससे राज्य में अधिक से अधिक युवा रोजगार से जुड़ेंगें। बजट से पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को कई स्तरों पर लाभ मिलेगा।
वहीं, उत्तराखंड इंडस्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मारवाह का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र को बजट में कोई विशेष तवज्जो नहीं दी गई है। बजट में उद्योगों के लिए कोई रियायत नहीं है और न किसी प्रकार का औद्योगिक पैकेज का एलान हुआ है। देश में औद्योगिक विकास के लिए कोई परियोजना भी शुरू नहीं हो रही है। उत्तराखंड के तीव्र औद्योगिक विकास के लिए किसी पैकेज का एलान किया जा सकता था।
इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश भाटिया ने कहा कि आमजन के हिसाब से अंतरिम बजट बेहतर है। औद्योगिक दृष्टि से देखा जाए तो बजट में औद्योगिक क्षेत्र के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है। एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों को एक करोड़ के ऋण के ब्याज में दो फीसद की छूट तो दी गई है, लेकिन लाभार्थी उद्योगों की श्रेणी में कौन से उद्योग होंगे अभी स्पष्ट नहीं है। हां, आमजन के साथ उद्योगों में काम करने वाले कामगारों की क्रय शक्ति बढ़ेगी जो देश में विकास की गति के लिए लाभकारी होगा।
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