निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली जमानत अर्जी
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा दोबारा हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाएंगे। उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई अर्जी वापस ले ली है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा दोबारा हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाएंगे। विजिलेंस के एसएसपी सेंथिल अबूधई ने बताया कि मिश्रा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई अर्जी वकील ने वापस ले ली है। अब आठ सप्ताह बाद ही मिश्रा हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगा सकते हैं।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय में एक करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप में मृत्युंजय मिश्रा दिसंबर 2018 से सुद्धोवाला जेल में बंद हैं। हाईकोर्ट में जमानत याचिका रद्द होने के बाद मिश्रा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका पेश की थी। इससे पहले कि जमानत पर फैसला होता, वकील ने कहा कि वह फिलहाल हाईकोर्ट में ही जमानत की अर्जी लगाना चाहते हैं।
कोर्ट ने उनकी याचिका का निस्तारण करते हुए हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने आठ सप्ताह बाद ही जमानत अर्जी लगाने को कहा है। विजिलेंस एसएसपी सेंथिल ने बताया कि मिश्रा के खिलाफ कोर्ट में पर्याप्त सबूत पेश किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में जमानत मिलने की कम उम्मीदों को देखते हुए एसएलपी वापस लेने का निर्णय लिया होगा। अब हाईकोर्ट में ही इस पर निर्णय होना है।
आय से अधिक संपत्ति की चल रही जांच
निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा और उनकी पत्नी श्वेता मिश्रा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का भी मुकदमा दर्ज है। इस मामले की जांच सीओ विजिलेंस चंद्रमोहन सिंह कर रहे हैं। यह जांच अभी शुरुआती दौर में है।
यह भी पढ़ें: आय से अधिक मामले में निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा के जेल में बयान दर्ज
यह भी पढ़ें: निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय के खिलाफ एक और मामले में चार्जशीट दाखिल
यह भी पढ़ें: छात्रवृत्ति घोटाले में मृत्युंजय मिश्रा की करीबी नूतन और शिल्पा गिरफ्तार