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इस हिमालयी राज्य में सबसे ज्यादा डोल रही है धरती

वैसे तो समूचा हिमालय भूंकप की दृष्टि से संवेदनशील है, लेकिन इसमें भी सर्वाधिक भूकंप उत्तराखंड की धरती पर आए। हिमालय भूविज्ञान संस्थान के ताजा अध्ययन में इसका खुलासा हुआ।

By BhanuEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 08:16 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 05:03 PM (IST)
इस हिमालयी राज्य में सबसे ज्यादा डोल रही है धरती
इस हिमालयी राज्य में सबसे ज्यादा डोल रही है धरती

देहरादून, [सुमन सेमवाल]: यूं तो समूचा हिमालय (खासकर उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है, मगर इस क्षेत्र को भी चार अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाए तो उत्तराखंड में भूकंप के सबसे अधिक झटके आए हैं। इस बात का खुलासा वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के ताजा अध्ययन में किया गया है। 

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जमीन के भीतर क्षेत्रवार तनाव की स्थिति का पता लगाने के लिए वाडिया संस्थान के वैज्ञानिकों ने वर्ष 2007 से 2017 के बीच 2.5 व इससे अधिक तीव्रता के सभी भूकंपों का अध्ययन किया।

वाडिया संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार के मुताबिक हिमालयी क्षेत्र में ए, बी, सी व डी कैटेगरी में विभाजित किया गया। ए में जम्मू एंड कश्मीर व हिमाचल प्रदेश (उत्तर-पूरब), बी में हिमाचल प्रदेश के शिमला क्षेत्र, सी में उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के अधिकांश भाग व डी में दिल्ली (एनसीआर) क्षेत्र को रखा गया। 

पता चला कि पूरे हिमालयी क्षेत्र में 28.8 बार भूकंप सी कैटेगरी में गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र में आए हैं। इसके बाद डी कैटेगरी वाले एनसीआर क्षेत्र में 26.7 बार भूकंप के झटके आए। जबकि ए कैटेगरी के जम्मू एंड कश्मीर, हिमाचल व फिर बी कैटेगरी के शिमला क्षेत्र में सबसे कम बार भूकंप के झटके रिकॉर्ड किए गए। डॉ. सुशील के अनुसार हर एक कैटेगरी में भी चार ब्लॉक बनाए गए थे और यहां भी उत्तराखंड का ग्राफ सबसे ऊपर रहा। 

उच्च तीव्रता के भूकंप

कैटेगरी सी में 12 बार, ए में 06 बार व बी बैटेगरी में 04 बार उच्च तीव्रता (4.2 से 5.8 मैग्नीट्यूट) के भूकंप रिकॉर्ड किए गए।

वाडिया समेत इन एजेंसियों के डाटा से अध्ययन

वाडिया संस्थान ने अपने 54 ब्रॉडबैंड सिस्मिक स्टेशन के अलावा इंटरनेशनल सिस्मोलॉजिकल सेंटर (आइएससी), इंडियन मीट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आइएमडी) से डाटा जुटाकर यह अध्ययन किया। भूकंप के अध्ययन में आफ्टर शॉक की संख्या को रिकॉर्ड नहीं किया गया है।

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