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ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून में होते हैं सबसे ज्‍यादा सड़क हादसे

ओवरस्पीड रॉंग साइड व ओवरलोडिंग के कारण सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जनवरी महीने में पिछले सालों की तुलना की जाए तो दुर्घटनाओं मृतकों व घायलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 10:58 PM (IST)
ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून में होते हैं सबसे ज्‍यादा सड़क हादसे
ओवरस्पीड, रॉंग साइड व ओवरलोडिंग के कारण सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्‍तराखंड में ओवरस्पीड, रॉंग साइड व ओवरलोडिंग के कारण सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जनवरी महीने में पिछले सालों की तुलना की जाए तो दुर्घटनाओं, मृतकों व घायलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। 2021 में जनवरी महीने में सबसे अधिक हादसे ऊधमसिंह नगर, उसके बाद हरिद्वार व तीसरा स्थान राजधानी देहरादून का रहा है।

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हालांकि हादसों में मृतकों के आंकड़ों पर नजर डालें तो उधमसिंह नगर व हरिद्वार के बाद हादसे में मरने वालों की संख्या टिहरी में अधिक है। दुर्घटनाओं पर नजर डालें तो जनवरी 2021 में कुल 142 हादसों में 90 व्यक्तियों की जान गई वहीं 130 घायल हुए। वहीं 2020 में 115 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 75 की मौत व 87 घायल हुए। इसी तरह 2019 में 121 हादसे हुए जिसमें 75 की मौत और 121 घायल हुए। चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ व बागेश्वर ऐसे जिले हैं, जहां पर तीन सालों में छिटपुट दुर्घटनाएं तो हुईं, लेकिन किसी की भी मृत्यु नहीं हुई।

मैदानी जिलों में अधिक हादसे

यातायात पुलिस के आंकड़ों पर नजर डाले तो मैदानी जिलों में हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। वहीं पहाड़ी जिलों में टिहरी व पौड़ी गढ़वाल की बात छोड़ दें तो अन्य जिलों में स्थिति बेहतर है। कई जिले तो ऐसे भी हैं,जहां 2019 से 2021 तक जनवरी के पूरे महीने कोई हादसा नहीं हुआ। 

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क्या कहते हैं यातायात निदेशक

यातायात निदेशक डीआइजी केवल खुराना ने बताया कि यातायात नियमों का पालन करने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। ब्लैक स्पॉट खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं हाइवे पैट्रोलिंग शुरू की जा रही है। सड़क हादसे के मुख्य कारण तेज रफ्तार, वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल, ओवर लोडिंग व ट्रिपल राइडिंग बनते हैं। ऐसे वाहन चालकों पर नकेल कसी जा रही है, ताकि किसी तरह सड़क हादसों में कमी लाई जा सके।

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