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अटल आयुष्मान में अस्पताल पर 4.78 लाख जुर्माना, कार्मिक और पेंशनर भी योजना के दायरे में

अटल आयुष्मान में राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने काशीपुर स्थित अली नर्सिंग होम के 698400 रुपये के 77 क्लेम निरस्त कर सूचीबद्धता समाप्त कर दी है। अब कार्मिकों को भी योजना का लाभ मिलेगा।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 09:08 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 08:59 PM (IST)
अटल आयुष्मान में अस्पताल पर 4.78 लाख जुर्माना, कार्मिक और पेंशनर भी योजना के दायरे में
अटल आयुष्मान में अस्पताल पर 4.78 लाख जुर्माना, कार्मिक और पेंशनर भी योजना के दायरे में

देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना से जुड़े फर्जीवाड़े में एक और अस्पताल पर कार्रवाई की गई है। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने काशीपुर स्थित अली नर्सिंग होम के 698400 रुपये के 77 क्लेम निरस्त कर सूचीबद्धता समाप्त कर दी है। इनमें 34 मामलों में 316800 रुपये का क्लेम अस्पताल प्राप्त कर चुका है। इसे अब लौटाना होगा। 

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इसके अलावा छह मामलों में क्लेम की गई 54000 रुपये की राशि पर अस्पताल पर तीन गुना, 162000 रुपये का दंड भी लगाया गया है। कुल 478800 रुपये की धनराशि अस्पताल को सात दिन के अंदर राज्य स्वास्थ्य अभिकरण में जमा करानी होगी। अन्यथा उस पर वसूली की कार्रवाई की जाएगी। 

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत ने बताया कि उक्त अस्पताल में 13 मरीजों का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केलाखेड़ा, बाजपुर की रेफरल स्लिप पर किया गया है। इन पर मेडिकल ऑफिसर की फर्जी मुहर लगी है। क्योंकि वहां कोई मेडिकल ऑफिसर तैनात ही नहीं है। इसके अलावा छह मामलों में मरीजों को अस्पताल में भर्ती के दौरान व इससे पूर्व सात दिनों तक किसी भी तरह की जांच नहीं कराई गई। जबकि इनमें तीन मरीज इमरजेंसी में भर्ती दिखाए गए हैं। 

अस्पताल प्रशासन इस पर सही स्पष्टीकरण नहीं दे सका। जो तर्क अस्पताल ने दिया वह जांच में गलत पाया गया। अस्पताल में 24 घंटे एमबीबीएस डॉक्टर की ड्यूटी होनी चाहिए, पर डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। इस पर अस्पताल प्रशासन ने एक डॉक्टर का शपथ पत्र दिया। पर जांच में पाया गया कि उक्त डॉक्टर तीन अस्पतालों में सेवाएं दे रहा है। 

सूचीबद्धता के लिए अस्पताल में तीन चिकित्सक होना बताया गया। इनमें एक चिकित्सक ने केवल दो मरीजों का ही इलाज किया। बताया गया कि वह अब अस्पताल में कार्यरत नहीं हैं। दूसरे डॉक्टर अस्पताल में पूर्णकालिक सेवाएं नहीं दे रहे, जबकि तीसरे चिकित्सक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। राष्ट्रीय व राज्य स्वास्थ्य अभिकरण की गाइडलाइन के अनुसार केवल एमबीबीएस डॉक्टर ही कार्यरत हो सकते हैं। 

कार्मिक व पेंशनर भी अटल आयुष्मान योजना के दायरे में

सरकारी कार्मिकों व पेंशनर को भी अब जल्द अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना का लाभ मिलने जा रहा है। लगभग आठ माह बाद कर्मचारियों को इस योजना के दायरे में लाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। 

प्रस्तावित योजना में कर्मचारी संगठनों की मांग के अनुसार सरकारी कर्मचारी व पेंशनर्स को असीमित इलाज के साथ ही मुफ्त ओपीडी सुविधा दी जाएगी। कर्मचारियों को मुफ्त दवा देने के लिए निजी डिस्पेंसरियों को सूचीबद्ध किया जाएगा। 

कार्मिकों की श्रेणी के अनुसार उनके अंशदान की दरें तय की जा रही हैं। पेंशनर्स से नियमित कर्मचारियों के लिए तय दरों से आधी दर पर निश्चित धनराशि ली जाएगी। इस प्रस्ताव को 24 जुलाई को होने वाली कैबिनेट बैठक में लाने की तैयारी है। 

उत्तराखंड सरकार ने बीते वर्ष आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए समस्त प्रदेशवासियों के लिए अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की शुरुआत की। इस योजना में आम नागरिक के लिए प्रति परिवार पांच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रावधान है। सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स के लिए इलाज के खर्च को असीमित रखा गया। 

इसके लिए लाभ लेने वाले कार्मिक के पद के हिसाब से अंशदान लिए जाने का प्रावधान किया गया। आम आदमी के लिए यह योजना तो बीते वर्ष ही शुरू कर दी गई लेकिन कर्मचारी संगठनों ने इस योजना के कुछ बिंदुओं पर अपना विरोध जताया। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकारी अस्पताल से रेफरेल की अनिवार्यता को समाप्त करने के साथ ही निजी अस्पतालों में सीधे इलाज की सुविधा देने की मांग की। 

इसके अलावा उन्होंने इलाज के दौरान केमिस्ट से सीधे दवा लेने और इसकी प्रतिपूर्ति की मांग उठाई। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के बाहर के निजी अस्पतालो में भी सीधे इलाज की सुविधा देने की मांग की। अब इस योजना का खाका तैयार किया जा चुका है। 

सूत्रों की मानें तो प्रस्ताव में सरकारी अस्पतालों से रेफरेल की व्यवस्था को यथावत रखा गया है लेकिन इलाज के दौरान बाहर से दवा लेने के लिए कुछ केमिस्ट को चिह्नित करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा प्रदेश के बाहर निजी अस्पतालों में भी इलाज की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।

हो रहा है विचार विमर्श 

अटल आयुष्मान, उत्तराखंड योजना के सीईओ युगल किशोर पंत के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों के लिए इस योजना को शुरू करने में कुछ बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इन पर अंतिम निर्णय होने के बाद सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर के लिए योजना शुरू कर दी जाएगी।

कर्मचारियों को भी मिले सस्ता इलाज 

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडेय के मुताबिक, जब कर्मचारी इस योजना में अपना अंशदान दे रहे हैं तो उन्हें सस्ता इलाज मिलना ही चाहिए। आयुर्वेदिक इलाज को भी योजना में शामिल किया जाना चाहिए और प्रतिपूर्ति सीजीएचएस की भांति मिलनी चाहिए।  

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