उत्तराखंड में आयुष्मान योजना से 2.24 लाख मरीजों को मिला उपचार, 230 करोड़ खर्च
उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान योजना गरीबों और असहाय लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। बीते दो वर्षों में प्रदेश में 2.24 लाख मरीज इस योजना का लाभ ले चुके हैं। इसमें 230 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान योजना गरीबों और असहाय लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। बीते दो वर्षों में प्रदेश में 2.24 लाख मरीज इस योजना का लाभ ले चुके हैं। इसमें 230 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पूरे प्रदेश की जनता को कैशलेस उपचार देने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। एक जनवरी से राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए भी यह योजना लागू होने जा रही है।
प्रदेश में 25 दिसंबर 2018 को केंद्र सरकार द्वारा शुरू आयुष्मान भारत योजना को लागू किया गया। इस योजना में प्रदेश के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे 5.25 लाख लोगों को शामिल किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसी योजना का दायरा बढ़ाते हुए प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना शुरू की।
इस योजना के तहत प्रदेश के सभी 27 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये तक का बीमा सुरक्षा कवच देने का फैसला किया गया है। इसके लिए अभी तक 40 लाख गोल्डन कार्ड भी बनाए जा चुके हैं। इस योजना के तहत सरकारी व चिह्नित निजी अस्पतालों में बीमारियों के 1350 तरह के पैकेज के अंतर्गत इलाज का प्रविधान किया गया है।
इसके अलावा सरकारी कर्मचारी व पेंशनरों के लिए इसी योजना के अंतर्गत राज्य स्वास्थ्य योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन के हिसाब से चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसी के हिसाब से उनका अंशदान भी काटा जाएगा और इसी के अनुसार उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। इस योजना के तहत इलाज के लिए देश भर के 22 हजार से अधिक अस्पतालों को चिह्नित किया गया है।
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