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देहरादून में नियमों को ताक पर रख 13.5 बीघा प्‍लॉटिंग पास

चुक्खुवाला में खड़े किए पुश्ते के ढहने से हुई चार लोगों की मौत का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है कि अवैध प्लॉटिंग के प्रति अनदेखी का एमडीडीए का एक और मामला सामने आ गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 10:59 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 10:59 AM (IST)
देहरादून में नियमों को ताक पर रख 13.5 बीघा प्‍लॉटिंग पास
देहरादून में नियमों को ताक पर रख 13.5 बीघा प्‍लॉटिंग पास

देहरादून, सुमन सेमवाल। अवैध प्लॉटिंग को सुरक्षित करने के लिए चुक्खुवाला में खड़े किए पुश्ते के ढहने से हुई चार लोगों की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि अवैध प्लॉटिंग के प्रति अनदेखी का एमडीडीए का एक और मामला सामने आ गया है। जून माह में एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव के स्थानांतरण और उनकी जगह रणवीर सिंह चौहान की तैनाती के दौरान 13.5 बीघा की अवैध प्लॉटिंग को नियमों के विपरीत पास कर दिया गया। बताया जा रहा है कि नए उपाध्यक्ष को अधूरे तथ्य बताकर एमडीडीए कार्मिकों ने ही प्लॉटिंग को पास कराया। हालांकि, उपाध्यक्ष ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पत्रावली तलब की है और सचिव जीसी गुणवंत से तीन दिन के भीतर जांच कर आख्या देने को कहा है।

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दून में बढ़ी रही अवैध प्लॉटिंग को लेकर आवास विभाग ने 26 अगस्त 2019 को एक शासनादेश जारी किया था। इसमें स्पष्ट किया गया था कि जिस भी अवैध प्लॉटिंग पर दो बार कार्रवाई की जाएगी, उस कंपनी या व्यक्ति की परियोजना को प्रदेशभर में ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।  

मियांवाला-हर्रावाला क्षेत्र की इस अवैध प्लॉटिंग पर एमडीडीए नौ अक्टूबर 2019 व 18 अक्टूबर 2019 को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर चुका है। प्लॉटिंग को दो बार ध्वस्त किए जाने की जानकारी एमडीडीए ने अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड की है। इसी के चलते एमडीडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव के कार्यकाल में इस प्लॉटिंग को पास नहीं किया गया। हालांकि, जून माह में जब नए उपाध्यक्ष रणवीर सिंह ने कार्यभार संभाला तो अचानक से प्लॉटिंग को पास करा दिया गया। नए उपाध्यक्ष को यह जानकारी दी ही नहीं गई कि प्लॉटिंग पर दो बार कार्रवाई की गई है। उपाध्यक्ष रणवीर सिंह चौहान का कहना है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्लॉटिंग का नक्शा जारी नहीं किया जा रहा है और इसकी जांच तीन दिन के भीतर पूरी करने के आदेश दिए गए हैं।

फाइल में एक कार्रवाई, साइट पर दो

एमडीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि कार्यालय की पत्रावली में अवैध प्लॉटिंग पर एक बार कार्रवाई (18 अक्टूबर 2019) का जिक्र है, जबकि इसी कार्यालय की ओर से वेबसाइट पर डाली गई सूची में दो बार कार्रवाई (26 अगस्त 2019, 18 अक्टूबर 2019) का जिक्र है। वहीं, सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत के जवाब में भी एमडीडीए ने 18 अक्टूबर को ध्वस्तीकरण करने की बात कही है। दूसरी तरफ एमडीडीए सचिव ने नौ अक्टूबर को भी ध्वस्तीकरण किए जाने की जानकारी फोटो सहित भेजी थी। तब उन्होंने बताया था कि नौ अक्टूबर 2019 को सहायक अभियंता टीएस पंवार, पीएन बहुगुणा, प्रेमप्रकाश पैन्यूली, राकेश, प्रेमसागर की टीम ने पुलिस बल के साथ अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया है। इस तरह अवैध प्लॉटिंग पर तीन बार कार्रवाई की बात भी सामने आ रही है। 

रेरा व प्रशासन चुस्त, एमडीडीए पस्त

  • रेरा ने इस अवैध प्लॉटिंग पर रजिस्ट्री न करने की संस्तुति की थी और जिला प्रशासन ने इसका पालन कर रजिस्ट्रियों पर रोक लगा रखी है।
  • आवास विभाग के शासनादेश पर रेरा ने कई माह पहले एमडीडीए से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था, मगर अधिकारियों ने इस पत्र का जवाब देने की जगह नया गुल खिला दिया।
  • तब एमडीडीए ने इस प्लॉटिंग पर अवैध होने के बोर्ड लगाए थे और अब नक्शा जारी होने से पहले ही यहां प्लॉटिंग पास होने के बोर्ड लगा दिए गए हैं।

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मौत के पुश्ते की प्लॉटिंग पर चुप्पी

16 जुलाई की रात करीब दो बजे चुक्खुवाला में जो पुश्ता ढह गया था, उसे एक अवैध प्लॉटिंग को महफूज करने के लिए खड़ा किया गया था। मामले में एमडीडीए उपाध्यक्ष रणवीर सिंह ने तत्परता दिखाते हुए अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, घटना के पांच दिन बाद भी एमडीडीए अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई नहीं कर पाया। वहीं, पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर दिया है, जबकि प्रशासन ने टीम ने पुश्ते के कमजोर हिस्से के ऊपरी भाग को ध्वस्त कर दिया है। एमडीडीए के क्षेत्रीय अभियंता तर्क दे रहे हैं कि उनके पास यह इलाका 10-15 दिन पहले ही आया है। यह भी कहा जा रहा है कि अवैध प्लॉटिंग पर जो निर्माण हो रहे हैं, उनका नक्शा पास किया जा रहा है। अवैध प्लॉटिंग को अधिकारी इसी तरह निगाह फेरकर वैध आबादी क्षेत्र में तब्दील कर देते हैं। क्योंकि बिना मानक व संसाधन वाले भूखंड पर नक्शा पास करते एमडीडीए प्रॉपर्टी डीलर के हिस्से का मोटा शुल्क सब-डिविजन चार्ज के रूप में संबंधित व्यक्तियों से वसूल कर लेता है। 

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