Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड के गैरसैंण और कर्णप्रयाग में दूर होगी मोबाइल कनेक्टिविटी की दिक्कत

उत्‍तराखंड के गैरसैंण और कर्णप्रयाग ब्‍लॉक के विभिन्‍न गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी की दिक्‍कत जल्‍द दूर होगी। इस संबंध में राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के आग्रह पर केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 11:05 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 11:05 AM (IST)
उत्‍तराखंड के गैरसैंण और कर्णप्रयाग में दूर होगी मोबाइल कनेक्टिविटी की दिक्कत
उत्‍तराखंड के गैरसैंण और कर्णप्रयाग में दूर होगी मोबाइल कनेक्टिविटी की दिक्कत

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सीमांत चमोली जिले के गैरसैंण और कर्णप्रयाग विकासखंडों के विभिन्न गांवों की मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़ी दिक्कतें अब जल्द दूर हो जाएंगी। उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी के आग्रह पर केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीएसएनएल समेत निजी टेलीकाम कंपनियों को इस समस्या के तत्काल समाधान के निर्देश दिए हैं।

loksabha election banner

भाजपा की राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा के अनुसार राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने केंद्रीय संचार मंत्री वैष्णव से मुलाकात के दौरान गैरसैंण व कर्णप्रयाग विकासखंडों की मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्या की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी न होने से इन दुर्गम क्षेत्रों की जनता को तो परेशानी हो ही रही है, बच्चों की आनलाइन पढ़ाई भी बाधित हो रही है। इस कड़ी में उन्होंने कर्णप्रयाग के बगोली, चमोला, मैखुरा, मजखोला, कमेड़ा व सेरागढ़ और गैरसैंण विकासखंड के देवपुरी, राईकोट, कूनीगाड़ तल्ली, कुणखेत, बुखाली, चोरड़ा, पिंडवाली व कांसुवा क्षेत्रों का विशेष रूप से उल्लेख किया।

केंद्रीय संचार मंत्री वैष्णव ने कहा कि उनका मंत्रालय मोबाइल कनेक्टिविटी में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बीएसएनएल और निजी कंपनियों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संबंधित क्षेत्रों का निरीक्षण कर संचार सुविधा बहाल करें। भाजपा की राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य लखेड़ा ने केंद्रीय संचार मंत्री वैष्णव और राज्यसभा सदस्य बलूनी का आभार जताते हुए कहा कि अब चमोली जिले के दुर्गम क्षेत्रों में संचार सुविधा बहाल होने से ग्रामीणों और विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।

-------------------------------

कुटुंब पेंशन का नाम अब सम्मान पेंशन

शासन ने उत्तराखंड में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के जीवित उत्तराधिकारियों को दी जाने वाली कुटुंब पेंशन का नाम बदल दिया है। अब इस योजना का नाम सम्मान पेंशन किया गया है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव आनंद वद्र्धन द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। शासन द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को 21 हजार रुपये पेंशन दिए जाने का प्रविधान है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की मृत्यु होने पर पति अथवा पत्नी को भी इतनी ही पेंशन देने की व्यवस्था है। इन दोनों के न होने पर उनके बच्चों को अभी तक कुटुंब पेंशन के रूप में चार हजार रुपये दिए जाते हैं। यह राशि सभी बच्चों में समान रूप से वितरित होती है। इस पेंशन की राशि कम होने के कारण लंबे समय से इसका नाम बदलने की मांग चल रही थी। अब शासन ने इसका नाम बदल कर सम्मान पेंशन कर दिया है।

यह भी पढ़ें:- Vanijya Utsav: सीएम पुष्‍कर सिंह धामी बोले, दोगुने निर्यात लक्ष्य की दिशा में मिलकर बढ़ाएं कदम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.