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मोबाइल एप बताएगा केदारनाथ का इतिहास और भूगोल

केदारनाथ में आने वाले श्रद्धालु अब मोबाइल एप के जरिये केदारनाथ का इतिहास व भूगोल की जानकारी ले सकेंगे। साथ ही धाम की महत्ता भी इसमें बताई जाएगी।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 10:46 AM (IST)Updated: Sat, 14 Apr 2018 05:00 PM (IST)
मोबाइल एप बताएगा केदारनाथ का इतिहास और भूगोल
मोबाइल एप बताएगा केदारनाथ का इतिहास और भूगोल

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: केदारनाथ आने वाली श्रद्धालु अब अपनी भाषा में ही केदारनाथ व उसके आसपास के क्षेत्रों का इतिहास तथा उनकी महत्ता की जानकारी हासिल कर सकेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन स्तर पर एक मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है। 

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इसे केदारनाथ के कपाट खुलने तक पूरा कर लिया जाएगा। भविष्य में केदारपुरी के स्वरूप की जानकारी देने के लिए एक प्रतिकृति तैयार कर केदारनाथ में रखने की भी तैयारी है। 

उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने पत्रकारों के बातचीत में बताया कि चारधाम यात्रा की तैयारियां तकरीबन पूरी हैं। इस बार सरकार की मंशा देश भर से आने वाले तीर्थयात्रियों को उनकी भाषा में ही केदारनाथ के संबंध में जानकारी देने की है। 

यदि यह प्रयोग सफल रहा तो निकट भविष्य में इसमें अन्य धाम व तीर्थ स्थलों को भी जोड़ा जाएगा। उत्तरकाशी के गंगोरी में हाल ही में टूटे पुल के संबंध मे बताया कि सीमा सड़क संगठन ने यात्रा से पहले वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। 

केदारनाथ में लेजर-शो रहेगा विशेष आकर्षण

चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए उत्तराखंड सरकार इस वर्ष केदारनाथ धाम में विशेष आयोजन करने जा रही है। इसके तहत केदारपुरी में लेजर-शो का प्रदर्शन होगा, जिसमें केदारनाथ धाम की महत्ता से लेकर जून 2013 की आपदा तक की सजीव झांकी दिखाई जाएगी। गढ़वाल केंद्रीय विवि श्रीनगर के चौरास परिसर में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों को यह जानकारी दी।

बताया कि केदारपुरी में यात्रियों की सुख-सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सरकार केदारनाथ के लिए मनमर्जी से हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन करने वाली कंपनियों को ढर्रे पर ला रही है। इसके लिए पहली बार टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाई जा रही है, ताकि टिकटों की ब्लैकमेलिंग पर भी प्रभावी अंकुश लग सके। बताया कि श्रीनगर में दूषित पानी की आपूर्ति न हो, इसके लिए एएचपीसी कंपनी को सख्त निर्देश दिए गए हैं।

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