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अब इस एप से बयां होगी वीरों की गाथा, जानिए

उत्तराखंड के वीरों की शौर्यगाथा अब घर-घर तक पहुंचेगी। एक ऐसा एप तैयार किया गया है, जो वीरों की गौरव गाथा से समाज को परिचित करेगा।

By Edited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 05:48 PM (IST)
अब इस एप से बयां होगी वीरों की गाथा, जानिए
अब इस एप से बयां होगी वीरों की गाथा, जानिए

देहरादून, [जेएनएन]: देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले उत्तराखंडी वीरों की गौरव गाथा से समाज को परिचित कराने के लिए अब एक खास तरह का एप तैयार किया जा रहा है। जिसकी खासियत यह होगी कि चीड़बाग स्थित युद्ध स्मारक पर अंकित नाम को मोबाइल से स्कैन करने पर उस सैनिक की वीर गाथा तुरंत स्क्रीन पर आ जाएगी। रणभूमि में अपनी बहादुरी के लिए पदक जीतने वाले सैनिकों को सामाजिक पहचान दिलाने के लिए यह अनूठी पहल की गई है। 

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छावनी परिषद देहरादून अंतर्गत चीड़बाग क्षेत्र में उत्तराखंड का पहला युद्ध स्मारक बन रहा है। इस स्मारक पर 1947 के बाद से अब तक शहीद हुए प्रदेश के सैनिकों के नाम दर्ज होने हैं। यह कार्य पूर्व राज्य सभा सासद तरुण विजय की पहल पर हुआ है। वह न केवल यह मामला रक्षा मंत्रालय तक ले गए, बल्कि अपनी सासद निधि से इसके लिए धन भी मुहैया कराया। युद्ध स्मारक का शिलान्यास तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने किया था। यूं तो इस युद्ध स्मारक का डिजाइन अपने आप में अनूठा है, पर अब इसमें और भी कई चीजें जोड़ी जा रही हैं। यह प्रस्ताव बुधवार को कैंट बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल जेएस यादव की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड बैठक में रखा गया।

मुख्य अधिशासी अधिकारी जाकिर हुसैन ने बताया कि युद्ध स्मारक के लिए एक खास एप तैयार किया जाना है। जिसकी खासियत यह होगी कि स्मारक पर अंकित नाम को स्कैन करते ही सैनिक की वीर गाथा स्क्रीन पर आ जाएगी। यह परिसर पूरी तरह वाईफाई से लैस रहेगा। इसके अलावा एक दीवार भी बनाई जाएगी, जहां परमवीर चक्र से अलंकृत सभी सैनिकों के चित्र पर नाम अंकित किए जाएंगे।

यहां 100 फीट का राष्ट्रीय ध्वज भी लगाया जाएगा। इसके अलावा आर्टिलरी गन भी स्थापित होगी। इन अतिरिक्त कार्यो के लिए डीपीआर तैयार होनी है। जिसके लिए बोर्ड ने स्वीकृति दे दी है। बैठक में उपाध्यक्ष राजेंद्र कौर सौंधी, सभासद विनोद पंवार, कमलराज, मेघा भट्ट, मीनू क्षेत्री, मधु खत्री, हितेश गुप्ता आदि शामिल रहे। 

अस्पताल में दोपहर दो बजे बाद भी मिलेगा उपचार 

कैंट अस्पताल में अब दोपहर बाद भी उपचार मिलेगा। इसके लिए स्टाफ की व्यवस्था की जा रही है। बुधवार को इस बावत प्रस्ताव लाया गया जिसे स्वीकार कर लिया गया है। सीईओ जाकिर हुसैन ने बताया कि अस्पताल अभी दो बजे तक चलता है। अब दो से आठ बजे के बीच भी इमरजेंसी सेवा बहाल रहेगी। जिसके लिए एक डॉक्टर, एक नर्स और एक आया की नियुक्ति की जा रही है। 

लंढौर के लिए खुलेगा वैकल्पिक मार्ग 

छावनी परिषद देहरादून के कार्यालय में बुधवार को लंढौर कैंट की भी बैठक आयोजित की गई। लेकिन, यह बैठक महज औपचारिकता तक ही सीमित रही। मुख्य अधिशासी अधिकारी जाकिर हुसैन ने बताया कि बैठक में लंढौर के लिए वैकल्पिक मार्ग पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में जो रास्ता है वहां जाम की बहुत ज्यादा समस्या रहती है। इसके अलावा एक कच्चा रास्ता है, जिसका डामरीकरण किया जाएगा। इस बावत नगर पालिका से बात की जा रही है। क्योंकि आधा रास्ता कैंट व आधा नगर पालिका क्षेत्र में है। 

इसके अलावा क्षेत्र में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोकथाम लगाने के लिए बंध्याकरण की कार्रवाई की जाएगी। जिसमें राज्य सरकार की मदद ली जाएगी। इसके अलावा आवारा कुत्तों के लिए एक शेल्टर भी तैयार किया जाएगा। बैठक में सीसीटीवी कैमरों सहित अन्य सिक्योरिटी उपकरण की खरीद को भी मंजूरी दे दी गई है। बैठक में उपाध्यक्ष महेश चंद्र, सभासद सुशील अग्रवाल, रमेश कनौजिया, पुष्पा पडियार आदि उपस्थित रहे।

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